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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एनआईटी के डायमंड जुबली व्याख्यान हॉल का किया उदघाटन कहा– 21वीं सदी का भारत होगा आत्मनिर्भर भारत

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने एनआईटी में नवनिर्मित डायमंड जुबली व्याख्यान हॉल का उदघाटन किया. जहां शिक्षा मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत होगा आत्मनिर्भर भारत.

सरायकेला: आदित्यपुर स्थित एनआईटी जमशेदपुर में बुधवार को नवनिर्मित डायमंड जुबली व्याख्यान हॉल का ऑनलाईन उदघाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने किया. अपने संबोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने एनआईटी के गौरवशाली इतिहास को बताते हुए कहा कि एनआइटी से निकले छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर तकनिकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में संस्थान का नाम रौशन किया है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने कहा कि नवनिर्मित व्याख्यान सेंटर एनआईटी जमशेदपुर के लिए मील का पत्थर साबित होगा. 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह हीरक जयंती व्याख्यान कंप्लेक्स देश ही नहीं बल्कि एसिया के चुनिंदा संस्थानों जैसा भवन है. संस्थान के रैंकिंग में सुधार की बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि देश आज तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि बीच के कालखंड में देश के वैभव ज्ञान विज्ञान के इतिहास को समाप्त करने का प्रयास हुआ था. केंद्रीय मंत्री ने बिहार के नालांदा स्थित तक्षशिला विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि उस कालखंड में भारत की साक्षरता दर 97.3 थी. उन्होंने कहा कि भारत कोई सामान्य देश नहीं है
बल्कि मानवता-विश्व बंधुत्व वाला देश है. उदघाटन समारोह में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे किसी कारण वश शामिल नहीं हो सके. इस दौरान एनआईटी के निदेशक प्रो. करूणेश कुमार शुक्ल, डॉ. बीरेंद्र कुमार, अरूण कुमार चौधरी, निशांत कुमार उपस्थित रहे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे देश के 8 लाख बच्चे बाहर शिक्षा ग्रहण करने चले जाते है. इससे पैसा के साथ-साथ प्रतिभा दोनों का नुकसान हो रहा है. हिंदुस्तान की धरती पर के संस्थान पूरी तरह से सक्षम है. जरूरत है अनुसंधान और शोध की दिशा में आगे जाने की. इसलिए नई शिक्षा नीति बनाई गई है, जिसका देश ही नहीं दुनिया में तारीफ हो रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब देश कोविड के दौर में स्थिर था तो देश की प्रतिभाग प्रयोगशालाओं में अनुसंधान किया. चाहे सेफ्टी किट बनाना हो या एप्प बनाकर चुनौती को अवसर में बदलने का काम किया और अब दुनिया को मदद कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में छह करोड़ लघु उद्योग है. इसको देखते हुए नेशनल तकनीकी बोर्ड का गठन किया जाएगा. छात्र बाहर नौकरी करने के बजाए इन कंपनियों में काम कर नई तकनीक देंगे. इससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत शिखर पर जाएगा.
आधुनिक व्याख्यान कंप्लेक्स में 44सौ छात्रों के बैठने की क्षमता है. वहीं 160 फैकल्टी इसमें बैठ सकेंगे. इसमें कुल 33 क्लास रूम बनाया गया है. जबकि तीन वर्चुअल क्लास रूम है. जिसमें देश के किसी भी कोने से बैठकर छात्र फैकल्टी की क्लास ऑनलाइन अटेंड कर पाएंगे. उदघाटन समारोह के संबंध में जानकारी देते हुए एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर करुणेश शुक्ला ने बताया कि पूरा लेक्चर कॉम्प्लेक्स वातानुकूलित है, सभी सुविधाएं लेक्चर कॉम्प्लेक्स में मौजूद हैं.
डायमंड जुबली लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स में 16 सोलर पैनल प्लेट लगे हैं, जिनकी ओर से 100 किलो वाट तक सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा. लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स में ओपन थिएटर कैंटीन और बड़ी पार्किंग की भी सुविधा मौजूद है.