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कच्चे माल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से संकट में उद्यमी, चैंबर ने उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र

रांची में कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी के कारण उद्यमियों के सामने आई कठिनाइयों को लेकर आज चैंबर भवन में बैठक की गई. इस दौरान केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्राचार कर कच्चे माल की कीमत में इस तरह की वृद्धि के वास्तविक कारणों का पता लगाने का आग्रह किया.
रांचीः पहले लाॅकडाउन और अब कच्चे माल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी के कारण उद्यमियों के सामने आई कठिनाईयों को लेकर आज चैंबर भवन में बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि कच्चे माल की कीमतों में असामान्य और तेज वृद्धि के कारण एमएसएमई को संकट का सामना करना पड़ रहा है. एमएसएमई की ओर से उपभोग किए जाने वाले अधिकांश कच्चे माल इस्पात, प्लास्टिक कच्चा माल, तांबा, स्टेनलेस स्टील, प्राकृतिक रबर में पिछले चार महीनों में 50 से 150 प्रतिशत वृद्धि हुई है. महंगा कच्चा माल लेकर उत्पादन करने से लागत बढ़ती जा रही है, जिस कारण उत्पादों की बाजार में मांग घट रही है. ऐसे में एक तरफ जहां उपभोक्ताओं को महंगा उत्पाद मिल रहा है. वहीं, मांग नहीं होने से उद्यमियों को उत्पादन जारी रख पाना मुश्किल हो रहा है.
वहीं, चैंबर की ओर से केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्राचार कर यह आग्रह किया गया कि सरकार को कच्चे माल की कीमत में इस तरह की वृद्धि के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू करनी चाहिए. इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा मूल्य पर एमएसएमई के पास कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कच्चे माल के आयात की अनुमति देनी चाहिए.
इसके साथ ही यह भी सुझाया गया कि सरकार को जल्द कच्चे माल पर गैर टैरिफ अवरोध लगाने की प्रक्रिया को रोकना चाहिए. जैसे कि इंटी डंपिंग ड्यूटी और अनिवार्य बीआईएस मानक विशेष रूप से जहां भारत आयात पर निर्भर है. क्योंकि देश में कई ग्रेड का उत्पादन नहीं किया जाता है और कई पाॅलिमर की खपत अपने घरेलू उत्पादन की तुलना में बहुत अधिक है. वहीं, मंत्री से यह भी अनुरोध किया गया कि बाजार को शीघ्र संभाला जाए, नहीं तो मंदी के दौर में उद्योगपतियों के लिए उद्योगों का संचालन कर पाना मुश्किल हो जाएगा.
चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि कोविड के बाद उद्यमियों के बीच बेहतर कारोबार की उम्मीद जगी थी, लेकिन कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोत्तरी ने दूसरी ही चुनौती खड़ी कर दी है. देश में आयातित कच्चा माल नहीं आने और भाव बढ़ने से औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ तले दबी सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई है.
प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि कच्चा माल आयात नहीं होने और घरेलू बाजार में भी कच्चा माल का भाव तेजी से बढ़ने का प्रभाव राजस्व और रोजगार पर पड़ने की संभावना है. उद्यमियों के सामने इस बात की भी चुनौती है कि अगर वह अपने उत्पाद की कीमत बढ़ाते हैं तो उसकी मांग घट जाती है. अगर नहीं बढ़ाते हैं तो लागत निकालना मुश्किल हो जाता है. मैनुफैक्चरिंग यूनिट के उद्योगपतियों को अपनी ही जेब से अतिरिक्त पैसा लगाकर कच्चा माल खरीदना पड़ रहा है, जिससे बहुत नुकसान हो रहा है. उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि देश में कच्चे माल की आपूर्ति को आसान बनाने और मूल्य वृद्धि की जांच करने के लिए भारत से कच्चे माल के निर्यात पर जल्द प्रतिबंध लगाया जाए.
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से एयर कार्गो की सुविधाओं पर व्यवसायियों विशेषकर कृषकों को जागरूक करने के लिए भी चैंबर भवन में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कार्गो लाॅजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड के प्रबंधक राज कुमार प्रसाद ने चैंबर पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में झारखंड की सब्जियों, बागवानी उत्पादों, रेडीमेड गारमेंट, डेयरी प्रोडक्ट, लाह, मोटर पार्ट्स सेक्टर की वस्तुएं देश-विदेश में कार्गो की ओर से भेजी जाती है, लेकिन जागरूकता के अभाव में व्यापारी इस सुविधा का अधिकाधिक लाभ नहीं ले पा रहे हैं. उन्होंने आग्रह किया कि झारखंड में इन सभी सेक्टर्स का व्यापार बढ़ाने, विशेषकर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए ऐसे व्यवसायियों के साथ उन्होंने जागरूकता कार्यशाला के आयोजन का आग्रह किया. जिस पर चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने जल्द ही इस बैठक को आयोजित कराने का आश्वासन दिया है.