झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

कारण, देश हुआ कमजोर

बड़बोलापन और मुँह जोर।
कारण, देश हुआ कमजोर।।

देश है अपना कृषि प्रधान,
मगर सड़क पे खड़े किसान।
उनकी सुन ले मजबूरी,
अगर बचा है कुछ ईमान।।
नजर सभी की तेरी ओर।
कारण, देश हुआ

मिलकर हम सब जीते हैं,
अपना सुख दुख सीते हैं।
मजहब में जो बाँट दिया,
प्यार में लगे पलीते हैं।।
तुम अच्छे, खुद करते शोर।
कारण, देश हुआ

तुमको जन से प्यार मिला,
पर जन को दुत्कार मिला।
फिर मत कहना सुमन से तू,
हार मिली, न हार मिला।।
सत्ता की जनता है डोर।
कारण, देश हुआ

श्यामल सुमन