झारखंड में पंचायत चुनावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. जनवरी में पंचायती राज संस्थाएं भंग कर जाएंगी.इसके बाद सभी निर्वाचित पद रिक्त माने जाएंगे.
रांचीः झारखंड में अगले माह पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. पंचायती राज निदेशक आदित्य रंजन ने राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर पंचायती राज कानूनों का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि झारखंड के सभी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं
जनवरी 2020 में भंग हो जाएंगी.
इसके बाद सभी निर्वाचित पद रिक्त माने जाएंगे. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अलग से जानकारी साझा की जाएगी. उन्होंने जानकारी दी है कि पंचायत आम निर्वाचन वर्ष 2015 में संपन्न होने के बाद चुनाव के आधार पर गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की पहली बैठक वर्ष 2016 के जनवरी में होने की सूचना है.
ऐसे में झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 के सुसंगत प्रावधानों के तहत आम निर्वाचन 2015 के परिणामों के आधार पर गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को गठन के बाद पहली बैठक की तिथि से 5 वर्ष पूरे होने की तिथि को भंग करना वैधानिक अनिवार्यता है
ऐसे में तीनों स्तर की पंचायतों जिसमें ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद अपने गठन की तिथि से 5 वर्ष अवधि पूरी होने की तिथि को खुद भंग समझा जाएगा. वहीं भंग की तिथि से निर्वाचित पदाधिकारियों के पद रिक्त समझे जाएंगे और उसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के लिए विस्तृत दिशानिर्देश अलग से निर्गत किए जाएंगे.
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