हलवाली तस्वीर से, क्या हल हो श्रीमान?
हलवाले क्यों सड़क पर, निकला कहाँ निदान??
आप अगर सरकार तो, जिद भी छोड़ें आप।
जनमत को सहमत करें, या भोगें अभिशाप।।
पीछे मुड़कर देखिए, लोकतंत्र इतिहास।
जो जन को संतुष्ट किया, वो प्रधान है खास।।
आस पास जो आपके, देते गलत सलाह।
फंसकर जय जयकार में, दिखते बेपरवाह।।
क्यों परिजन संग सड़क पर, मिलके खड़े किसान?
हे! प्रधान झट सोचकर, करिए तुरत निदान।
जन-आंदोलन की तरफ, जाए नहीं विरोध।
भारत हित में छोड़िए, अपने हठ संग क्रोध।।
हर भारतवासी सुमन, करे देश से प्यार।
सेवक हैं, सेवा करें, बनें न पालनहार।।
श्यामल सुमन
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