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झारखण्ड की संस्कृति, इतिहास, विरासत और व्यंजनों का कॉकटेल बनायेगा कल्चरल टूरिज्म

झारखण्ड की संस्कृति, इतिहास, विरासत और व्यंजनों का कॉकटेल बनायेगा कल्चरल टूरिज्म

 

रांची:झारखण्ड की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को देखने और संजोने का मौका देने में पर्यटन नीति मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए राज्य सरकार एकीकृत आदिवासी परिसर विकसित करेगी। जिसके तहत पर्यटकों को एक ही स्थान पर झारखण्ड की संस्कृति, इतिहास और विरासत का दीदार होगा  वहीं विविध व्यंजनों के रसास्वादन का लुत्फ़ भी मिलेगा।यह कॉकटेल कल्चरल टूरिज्म पर्यटकों को परोसेगा। इस कॉकटेल में स्थानीय नृत्य, गीत और संगीत को भी शोकेस किया जाएगा। इस पर्यटन पैकेज का मकसद पर्यटकों को राज्य की सांस्कृतिक विविधता और जीवंतता का अनुभव देकर आकर्षित करना है।

पर्यटन नीति के तहत कल्चरल टूरिज्म के जरिये स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने और स्वरोजगार पैदा करने के लिए शिल्प और व्यंजनों में झारखण्ड की समृद्ध विरासत को साथ लेकर चलने की योजना है। राज्य के हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा और उद्योग विभाग के अनुरूप निवेश के अवसर को बढ़ावा दिया जाएगा। फूड फेस्टिवल के माध्यम से क्षेत्रीय व्यंजनों को नया आयाम मिलेगा। पर्यटन सूचना केंद्र, होटल, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर झारखण्ड के हस्तशिल्प प्रदर्शित किए जायेंगे। राज्य और राज्य के बाहर विभिन्न पर्यटन प्रदर्शनियों के माध्यम से हस्तशिल्प और क्षेत्रीय खानपान को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे।

पर्यटकों को यहां की परम्परा और संस्कृति से अवगत कराने के लिए विभिन्न मेलों और त्योहारों, पारंपरिक जीवन शैली, रीति-रिवाजों, पोशाक और खानपान से रूबरू कराने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है। सरकार झारखण्ड में आयोजित होने वाले मेलों और त्योहारों को पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रयास करेगी। पूरे राज्य में महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का एक कैलेंडर तैयार किया जाएगा।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों और अन्य संगठनों को झारखण्ड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में अंतरराज्यीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, ताकि अन्य राज्यों और विदेशों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा और राज्य के कलाकारों को एक्सपोजर प्रदान किया जा सके। होटलों में सम्मेलन आयोजित कर झारखण्ड की संस्कृति, नृत्य, कला संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
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*=========================*वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग-सह एसडीएम धालभूम ने शहरी क्षेत्र के निजी विद्यालय के प्राचार्यों के साथ की बैठक कहा- 15-18 आयु वर्ग में वैक्सीन से वंचित बच्चों को टीका लेने के लिए करें प्रेरित, अभिभावकों को बतायें क्यों जरूरी है टीका लेना

 

समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग-सह एसडीएम धालभूम  संदीप कुमार मीणा की अध्यक्षता में शहरी क्षेत्र के निजी विद्यालय के प्राचार्यों के साथ एक बैठक आहूत की गई। बैठक में शहरी क्षेत्र में 15-18 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को गति देने पर चर्चा की गई तथा इसके क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर भी प्राचार्यों से विमर्श किया गया। वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में उक्त आयु वर्ग में 80 फीसदी का लक्ष्य अब तक प्राप्त हो चुका है वहीं शहरी क्षेत्र में मात्र 55 फीसदी बच्चों ने टीका लगवाया है। उन्होने कहा कि बिना टीका लिए बच्चों को ऑफलाइन क्लास अटेंड करने में संक्रमित होने की संभावना बनी रहेगी ऐसे में अभिभावकों तक यह संदेश जरूर पहुंचायें कि टीका लेना कितना जरूरी है। वैसे बच्चे जिन्हें कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए अभी तीन महीना पूरी नहीं हुआ है उन्हें टीका नहीं लगाने का स्पष्ट निर्देश दिया गया साथ ही किसी बीमारी के के कारण कोई अभिभावक अपने बच्चे को टीका नहीं लगाना चाहते हों तो उनसे चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन की मांग करने की बात कही गई। वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग ने कहा कि हमारे जिले में ही कई विद्यालयों के सफल उदाहरण हैं जहां 15-18 आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों ने टीका ले लिया है, ऐसे में इस नेक कार्य में जिला प्रशासन को सहयोग करते हुए अभिभावकों को भी अपने बच्चों को टीका लगाने के लिए प्रेरित करें ताकि प्रत्येक विद्यालय में शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हो सके। साथ ही उन्होंने बताया कि मार्च महीने में ही 12-15 आयु वर्ग के बच्चों का वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू होने वाला है ऐसे में पूर्व से ही अपनी तैयारियों को दूरूस्त रखें। जिन बच्चों को दूसरे डोज लेने का निर्धारित समय आ गया है उन्हें ससमय टीका लगवाने का निर्देश दिया गया।

वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग-सह एसडीएम धालभूम  संदीप कुमार मीणा ने कहा कि पिछले  दो वर्षों में हमारे सामने परिस्थियां विपरित रहीं लेकिन अब चीजें सामान्य हो रही हैं ऐसे में शत प्रतिशत टीकाकरण होने के बाद ही ऑफलाइन क्लास के लिए जरूरी आत्मविश्वास भी अभिभावक एवं बच्चों में वापस आएगा उन्होने कक्षा नौवीं एवं गयरहवीं के बच्चों को एक महीने ऑफलाइन क्लास अटेंड करने के बाद ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में परीक्षा देने के विकल्प देने का सुझाव दिये । वरीय प्रभारी वैक्सीनेशन कोषांग ने कहा कि दसवीं या बारहवीं का प्री बोर्ड ऑफलाइन मोड में ही होना है ऐसे में जरूरी है कि 15-18 आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए ताकि बच्चों के कोरोना संक्रमण के चपेट में आने की संभावना नगण्य रहे। बैठक में नोडल पदाधिकारी वैक्सीनेशन कोषांग-सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी  राजीव रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी  एस.डी तिग्गा उपस्थित थे।*=========================*