राँची: जग जाहिर है कि किस तरह सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर को 2019 विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी और रघुवर को न ही मोदी मैजिक और न ही उनका रुतबा काम आया। चलिये ये तो बात पुरानी हुईं अब बात करते है की झारखंड की राजनीती में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर के क्या है मायने। रघुवर ने अपनी हार के बाद राज्यसभा सदस्य की टिकट पाने का पुरजोर प्रयास किया पर यहाँ भी वे विफल रहे। इन सब के बाद झारखंड में ये क़यास लगने लगे की रघुवर का कद उनकी अपनी पार्टी में ही घट गया है। पर अभी हाल ही में उन्होंने अपने कुछ करीबियों को भारतीय जनता पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करवा कर अपने विरोधियों का मुंह बन्द किया। लेकिन इसे बाबूलाल मरांडी कुछ नाराज़ हो गये।
अब रघुवर की गतिविधि जिस तरह से पूरे झारखंड में फैल रही है। इसे राजनीती के गलयरो में ये कयास लगने लगे है कि वे अगले लोक सभा चुनाव से पहले अपने लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश में जुटे है।
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