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झारखंड का 2022-23 का बजट दिशाहीन, जनविरोधी और निराशा जनक : राजेश शुक्ल

झारखंड का 2022-23 का बजट दिशाहीन, जनविरोधी और निराशा जनक : राजेश शुक्ल

प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और वरीय अधिवक्ता  राजेश कुमार शुक्ल ने आज झारखंड विधान सभा मे पेश झारखंड के २०२२-२३ के बजट को दिशाहीन , जनविरोधी और निराशा जनक बताया है। सरकार ने बिजली मुफ्त देने का वादा तो जरूर किया है लेकिन यह महज घोषणा है। वर्तमान झारखंड सरकार ने लाखो लाख बेरोजगारो को नौकरी देने का वादा तो किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया। शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं है। महिला ,युवा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की कोई बृहद योजना नहीं है। पूर्व की रघुवर दास की सरकार ने इन क्षेत्रों में जो विकास किया था उसे अवरुद्ध करने का काम वर्तमान राज्य सरकार ने किया है। इससे विकास अवरुद्ध होंगा। पुलिस के आधारभूत संरचना के आधुनिकीकरण और पर्यटन के क्षेत्र में विकास के लिए सरकार की कोई बृहद योजना इस बजट में नही है।

श्री शुक्ल ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकार ने न तो ध्यान दिया है और न ही अधिवक्ता हित को महत्व दिया है जबकि दूसरे राज्यों में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट में निधि का आवंटन किया जाता है। इसलिए यह बजट निराशा जनक भी है।