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गुड गवर्नेंस एक मजाक 65 गरीबों की आंख फोड़ने का बिहार सरकार का शर्मनाक कारनामा

गुड गवर्नेंस एक मजाक 65 गरीबों की आंख फोड़ने का बिहार सरकार का शर्मनाक कारनामा

गुड गवर्नेंस का नारा लगाने वाली सुशासन बाबू के राज में गरीबों की आंखें फोड़ी जा रही है आज आजाद हिंदुस्तान में गुलामों से ज्यादा बदतर जिंदगी गुजारने के लिए बिहार के लोग मजबूर हैं।जहां इंतहाई बेदर्दी से गरीब लोगों की आंखें फोड़ी जा रही है और उनके जिंदगी को अंधेरे में धकेलने वाली सुशासन बाबू की सरकार इनकी हालत सुधारने के लिए कदम उठाने के बजाय बेशर्मी की चादर ओढ़े आवाम की आंखों में लगातार धूल झोंकने का काम कर रही है।
झारखंड कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव फजल खान ने गत दिनों बिहार में गरीब और बेबस मरीजों की आंखों के गलत ऑपरेशन के नतीजे से तमाम 65 मरीजों के अंधा हो जाने पर सख्त अफसोस जाहिर किया और बिहार सरकार के कार्यशैली की कड़े शब्दों में निंदा किया। फज़ल खान ने कहा कि बिहार सरकार ने लापरवाही से काम करने का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है उन्होंने 65 मरीजों को अंधा बनाकर इनकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया है जिसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के स्वास्थ मंत्री की है। गलत ऑपरेशन के बाद मरीजों को आंखों के कैंसर के अंदेशे पर ज्यादातर मरीजों की आंखें भी निकाल दिए जाने का बेहद निंदनीय काम का अंजाम दिया गया है।ऐसे में जरूरी था कि मुख्यमंत्री सख्त कदम उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री को मंत्री परिषद से बर्खास्त करतें, और प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे का घोषणा करते मगर करते ऐसा करने के बजाए सरकार बेशर्मी का सबूत दे रही है।इसलिए हम चाहते हैं कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो तमाम पीड़ित लोगों को 50 लाख का मुआवजा दिया जाय।और स्वास्थ्य मंत्री को उनके पद से बर्खास्त किया जाए दोषी डॉक्टरों का मेडिकल सर्टिफिकेट कैंसिल करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को पत्र लिखा जाय।