झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

फिर काहे को खटपट करना

फिर काहे को खटपट करना
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जो करना है, झटपट करना
मगर नहीं कुछ अटपट करना

ईंट प्यार की तब घर बनता
फिर काहे को खटपट करना

सच के साथ अगर जीना तो
बातें फिर क्यूँ लटपट करना

इक इक दाना बहुत कीमती
भोजन हरदम सटपट करना

अपनी चाल चलेगी दुनिया
नहीं सुमन तू छटपट करना

श्यामल सुमन