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एक्सपोर्ट का बास्केट बन सकता है झारखण्ड: जितेन्द्र

अंचल अधिकारी मुसाबनी प्रशांत हेम्ब्रम ने पूर्वी बदिया, पारूलिया, कुईलीसुता में संचालित टीकाकरण केंद्रों का निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों से 18 वर्ष के ऊपर अपने परिवार एवं अपने आस-पास के सभी लोगों विशेषकर बुजुर्ग व्यक्तियों को भी कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु कोविड का टीका लेने हेतु प्रेरित करने का अनुरोध किया। वहीं, निरीक्षण के क्रम में टीकाकरण टीम से अब तक किए गए टीकाकरण की जानकारी लेते हुए केंद्र पर कोविड मानको का अनुपालन करते हुए अधिक से अधिक लोगो को टीका देने के निर्देश दिए।
प्रखंड वासियों से कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु ऐहतियात के तौर पर साफ सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी एवं मास्क का नियमित प्रयोग करने एवं अनिवार्य रूप से कोविड का ठीका लेने हेतु अपील की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सिर्फ वॉक इन मोड में टीकाकरण केंद्र संचालित किये जा रहे हैं, ऐसे में इस अवसर का लाभ उठाते हुए जल्द से जल्द टीकाकरण करायें।
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मुसाबनी प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी सीमा कुमारी की अध्यक्षता में मनरेगा योजनाओं को लेकर समीक्षात्मक बैठक की गई। बैठक में बीते दिनों आयोजित बैठक में दिए गये निर्देश का अनुपालन नहीं करने वाले ग्राम रोजगार सेवकों को स्पष्टीकरण किया गया। बीडीओ द्वारा प्रत्येक पंचायत में कम से कम 250 मजदूर को प्रतिदिन काम देने हेतु कहा गया। बैठक में ग्राम रोजगार सेवकों को डिमांड के बारे में जानकारी प्राप्त की गई एवं सभी ग्राम रोजगार सेवकों को पंचायत में डिमांड की संख्या 250 से अधिक करने का निर्देश दिया गया। जिन पंचायत में डिमांड कम है उन सभी को स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया और मानव दिवस सृजन के आलोक में मानदेय भुगतान करने का निर्देश प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को दिया गया। प्रत्येक पंचायत में अधिक से अधिक योजना संचालित करने हेतु निदेशित किया गया। टीसीबी, मेढ़बंदी आदि योजना प्रत्येक गाँव में कम से कम पांच योजना संचालित करने का निर्देश दिया गया तथा प्रतिदिन प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को प्रत्येक पंचायत की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया और शाम को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया। बैठक में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, कनीय अभियंता, ग्राम रोजगार सेवक आदि उपस्थित थे।
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एक्सपोर्ट का बास्केट बन सकता है झारखण्ड: जितेन्द्र

रांची। झारखण्ड राज्य के उद्योग विभाग के निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने राजधानी के होटल बीएनआर चाणक्या में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित वाणिज्य उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि आज जनजीवन में प्राकृतिक उत्पादों का अपना अलग महत्व होता है। इस मामले में झारखण्ड एक धनी राज्य है तथा पूरे देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा राज्य में उपलब्ध है।
दो दिवसीय कार्यशाला में उन्होंने युवा उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में खनिज संपदा भरपूर है लेकिन उसमें वैल्यू एडिशन करने की जरूरत है। राज्य का सौभाग्य है कि रॉ मैटेरियल दरवाजे पर है, इसलिये उत्पादन की असीम क्षमता है। हमारे पास कुशल श्रम बल है इसलिये हम निर्यात की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि झारखण्ड एक्सपोर्ट बास्केट बन सकता है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व वाणिज्य सचिव जी के पिल्लई, अनूप वाधवन, आईईएस के आर्थिक सलाहकार यशवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में उद्यमशीलता से जुड़े युवा उपस्थित थे।
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सरकारी स्कॉलरशिप पर इंग्लैंड और आयरलैंड में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे छह आदिवासी छात्र

रांचीः मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयासों से राज्य के आदिवासी छात्रों का विदेश में शिक्षा लेने का सपना अब अपना होने के कगार पर है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना इसमें सहायक बनेगा। इस योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए चुना गया है।
यह सभी इंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। गुरुवार, दिनांक 23 सितंबर को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और मंत्री श्री चंपई सोरेन मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित छात्रों एवं उनके माता-पिता को सम्मानित करेंगे।
राज्य सरकार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्चस्तरीय शिक्षा (मास्टर डिग्री, एम फिल) के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी। इसके लिए प्रति वर्ष झारखण्ड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा। इस कड़ी में पहली बार छह छात्रों का चयन स्कॉलरशिप के लिए किया गया है, जो सितंबर महीने में उच्च शिक्षा हासिल करने इंग्लैंड की पांच विभिन्न यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने जा रहे हैं।
28 दिसंबर 2020 को सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई थी। वहीं सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 दिसंबर 2019 को रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम का विधिवत उदघाटन किया था। जिसके पश्चात 7 मार्च को स्कॉलरशिप स्कीम के योग्य लाभुकों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदन प्राप्ति के लिए इस वर्ष छह छात्रों का चयन किया गया है।
स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएन्टल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एमए की पढ़ाई करने जा रहे हैं। अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में एमए की पढ़ाई करेंगे। आकांक्षा मेरी का चयन लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में एमएससी के लिए हुआ है। दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ सस्सेक्स में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में एमएससी की पढ़ाई करेंगे। इसके अतिरिक्त अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में एमएससी तथा प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए की पढ़ाई के लिए चयनित हुई हैं।
विदेश में पढ़ाई के लिए चयनित एक छात्र का कहना है कि आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद सरकार का सराहनीय कदम है। इससे आदिवासी समाज के अन्य छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
छात्र हरक्यूलिस का कहना है कि जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम ट्राइबल बुद्दिजीवियों एवं स्कॉलर्स के लिए वैश्विक मंच साझा करने का एक जरिया बनेगा। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे ऐसे लोगों की श्रेणी में आने का मौका मिलेगा जो अपने– अपने क्षेत्र में दक्षता रखते हैं।
छात्रा आकांक्षा कहती हैं कि स्कॉलरशिप के पहले बैच में चयनित होना उनके लिए बेहद ही खुशी का मौका है। वह सरकार की शुक्रगुजार हैं जिन्होंने इस तरह की पहल की सोची तथा छात्रों को जीवन में बेहतर से बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हमारे लिए यह एक बेहतरीन अवसर है, जब हमें वैश्विक मंच पर अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेकता में एकता के असल मायने को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा।
गुमला जिला की रहने वाली अंजना प्रतिमा डुंगडुंग ने कहा कि उन्हें मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम के पहले बैच का हिस्सा होने पर खुशी है। सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्रओं को स्कॉलरशिप के माध्यम से उच्च शिक्षा में मदद देना एक बेहद ही महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ आदिवासी छात्रों को अपने टैलेंट को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा, बल्कि अपने आस-पास के अन्य लोगों के लिए भी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने का रास्ता खुलेगा।
बताते चले कि वर्ष 1922 से 1929 के बीच इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले पहले आदिवासी छात्र थे जयपाल सिंह मुंडा। बाद में उन्होंने 1928 में हुए एमर्स्डम ओलंपिक में भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम का भी प्रतिनिधित्व किया था और टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। आज लगभग 100 वर्ष बाद मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की स्मृति एवं सम्मान में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आदिवासी छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सहयोग हेतु स्कॉलरशिप स्कीम की शुरू की है।
हमारे विद्वान, अगुआ…हमारे आदरणीय मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की याद में हमारी सरकार ने इस योजना को प्रारंभ किया है। यह देश की पहली ऐसी योजना है और झारखण्ड देश का पहला राज्य है, जो आदिवासी समाज के छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दे रहा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में अन्य छात्रों को भी इनसे प्रेरणा मिलेगी और आदिवासी समाज के युवा विश्व पटल पर हमारी संस्कृति, संस्कार और हमारे समाज का प्रतिनिधित्व करेंगे और देश सहित राज्य का नाम रोशन करेंगे
सरकार का प्रयास है कि आदिवासी समाज के प्रतिभाशाली बच्चे उच्च शिक्षा से आच्छादित हों। यही वजह रही कि उन्हें योजना से लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे सभी बच्चों को शुभकामनाएं। उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। चंपई सोरेन मंत्री अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग।
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