झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

एक दिन फिर सितारों में खो जाएँगे

एक दिन फिर सितारों में खो जाएँगे
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हम समन्दर के लहरों के संग चल पड़े,
सोचकर ये किनारे भी हो जाएँगे।
साथ रह के समन्दर के दिल में कभी,
बीज मीठे सुरों का तो बो जाएँगे।

मोड़ जैसा भी आए सुनो जिन्दगी,
जीतने की भी कोशिश रहेगी सदा।
हौसला दिल में होगा कटेंगे ये दिन,
एक दिन फिर सितारों में खो जाएँगे।

जिन्दगी आनी जानी सभी जानते,
काम अच्छा, बुरा करके जाते सभी।
याद करती है दुनिया भले काम को,
लोग सदियों तक यादों में रो जाएँगे।

एक जाती तो आती नयी जिन्दगी,
सिलसिला ये कभी भी थमेगा नहीं।
काम अपना करें फिक्र को छोड़ हम,
बोझ जिसका है जितना वो ढो जाएँगे।

होश में रहके जीना है कितना कठिन,
ये समय ही सिखाता सदा से सुमन।
चूक जाने पे अफसोस करते वही,
पास आकर के आँखें भिंगो जाएँगे

श्यामल सुमन