दुख जीयब सिखौलक
*****************
हम बकलेल छी, अहाँ होशियार छी
एक दोसर लय जीबय के आधार छी
दुख सँगहि चलत सुख भेटय नहि भेटय
दुख सँ लड़ियो कें जीबय लऽ तैयार छी
किछु हँसैत लोक सँ गप्प करियौ, बुझू
दुख छुपाबय के मुस्कान हथियार छी
काटि लेलहुँ हम जिनगी भरम पोसिकय
एक दुनिया मे हमहीं टा बुधियार छी
कने किचकिच तऽ आपस मे हेबे करत
ई तऽ जीवन-कला केर विस्तार छी
तीत मीठक खजाना ई जिनगी हमर
दुख जीयब सिखौलक, दुखे यार छी
ओढ़िकय हम हँसी चलू आगां बढ़ी
अहाँ श्यामल के मोनक सुमन-प्यार छी
श्यामल सुमन
सम्बंधित समाचार
चिन्गारी भर दे मन में
मास्क टीवी ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रीम होगी ‘कोड ब्लू’ और ‘नुक्कड़’
झारखण्ड बंगभाषी समन्वय समिति महासचिव संदीप सिन्हा चौधरी ने मुख्यमंत्री झारखंड सरकार को पत्र लिखकर जेएसएससी द्वारा निकाली गई सहायक आचार्य पदों पर बांगला को मातृभाषा की श्रेणी में नहीं रखने के सम्बन्ध में ध्यान आकृष्ट कराया है