झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

दुख जीयब सिखौलक

दुख जीयब सिखौलक
*****************
हम बकलेल छी, अहाँ होशियार छी
एक दोसर लय जीबय के आधार छी

दुख सँगहि चलत सुख भेटय नहि भेटय
दुख सँ लड़ियो कें जीबय लऽ तैयार छी

किछु हँसैत लोक सँ गप्प करियौ, बुझू
दुख छुपाबय के मुस्कान हथियार छी

काटि लेलहुँ हम जिनगी भरम पोसिकय
एक दुनिया मे हमहीं टा बुधियार छी

कने किचकिच तऽ आपस मे हेबे करत
ई तऽ जीवन-कला केर विस्तार छी

तीत मीठक खजाना ई जिनगी हमर
दुख जीयब सिखौलक, दुखे यार छी

ओढ़िकय हम हँसी चलू आगां बढ़ी
अहाँ श्यामल के मोनक सुमन-प्यार छी

श्यामल सुमन