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दिखी सतर्कता तो कहीं लापरवाही क्या ऐसे चलेगा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह?

दिखी सतर्कता तो कहीं लापरवाही क्या ऐसे चलेगा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह?

हेमंत सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य में 22 से 29 अप्रैल तक अघोषित लॉकडाउन लगाकर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की है. इसको लेकर झारखण्ड वाणी संवाददाता ने राजधानी के प्रमुख चौराहों पर जाकर रियलिटी चेक किया.
रांची: राज्य में कोरोना का कहर जारी है. सरकार ने कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए 22 से 29 अप्रैल तक अघोषित लॉकडाउन लगाकर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की है. इसके तहत पहले दिन राजधानी की सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा लोग कम दिखे. आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को छोड़कर सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानें बंद रहीं.
राजधानी की ह्रदयस्थली अल्बर्ट एक्का चौक पर अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ नहीं के बराबर रही, नहीं ही सड़क किनारे फुटपाथ दुकानदारों का शोरगुल और नहीं ही ट्रैफिक की भीड़. अघोषित लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने फ्लैगमार्च कर आम लोगों को कोरोना से सचेत करती हुई दिखी. बीच-बीच में एंबुलेंस की आवाज घर से निकलने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण से किस कदर बीमार कर रहा है, यह बताया गया.
खूंटी और रांची को जोड़ने वाले इस बिरसा चौक पर हर वक्त एयरपोर्ट के कारण वीआईपी मूवमेंट होता रहता है, आज राजधानी के इस चौराहे का नजारा बदला हुआ रहा. छोटी दुकानें जरूर खुली, मगर ग्राहकों की अनुपस्थिति साफ बता रही थी कि लोग किस तरह से घर में ही रहना पसंद कर रहे हैं. सड़क पर वह ही निकल रहे थे जो या तो कोरोना से परेशान होकर अपने बीमार लोगों के लिए दवा और हॉस्पिटल में बेड की तलाश कर रहे थे या फिर घरेलू सामान लेने के लिए मजबूरी में उन्हें निकलना पड़ा था.
राजधानी की सबसे वीआईपी सड़कों में एक रातू रोड चौराहा पर भी कमोबेश यही हाल रहा. हालांकि अन्य चौक की अपेक्षा यहां सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ दिखी. सरकार की गाइडलाइंस का यहां कहीं ना कहीं उल्लंघन करते हुए लोग दिखे. ऑटो और गाड़ियों में बैठे लोगों को कोरोना का खौफ नहीं था और धड़ल्ले से सफर करने के लिए घर से निकल रहे थे.
राजधानी के सभी छोटे-बड़े मंदिरों का पट बंद रहा. सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार श्रद्धालुओं का आना वर्जित है, इसका पालन होता हुआ दिखा. बैंकों में दोपहर दो बजे तक काम हुआ, जिस वजह से ग्राहकों की भीड़ बैंक के बाहर कहीं-कहीं देखने को मिली.
राज्य में संक्रमितों के मिलने की यही रफ्तार रही, तो अगले 21 दिनों में 1.72 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में कोरोना का डबलिंग रेट 31.60 दिनों का है. स्थिति की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को कोरोना से सबसे अधिक 62 लोगों की मौत हो गई. राज्य में 5,041 नए संक्रमित मिले हैं. इनमें सबसे अधिक रांची में 1,361 संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही झारखंड में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 1,77, 356 पहुंच गई है, इनमें 35,826 एक्टिव केस हैं.