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दीवाली में आठ दिन बचे अब तक नहीं मिला लाइसेंस पटाखा दुकानदारों में छायी निराशा

दीवाली में आठ दिन बचे अब तक नहीं मिला लाइसेंस पटाखा दुकानदारों में छायी निराशा

जमशेदपुर-: खुशियों और रोशनी का त्योहार दीवाली दस्तक दे चुकी है. मात्र आठ दिन बाद दीवाली है. इसे लेकर शहर के बाजारों में गहमागहमी बढ़ गई है. वहीं लोग भी घरों की साफ-सफाई करते हुए दीवाली की तैयारियों में जुट गये हैं. बावजूद इसके यदि किसी में निराशा का माहौल है, तो वे हैं शहर के पटाखा दुकानदार. जिन्होंने प्रशासन के समक्ष लाइसेंस के लिए आवेदन तो दे रखा है, पर अब तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिल पाया है. यहां बात हो रही है दीवाली के मौके पर खुले स्थान पर दुकान लगाने वाले पटाखा दुकानदारों को, जिसके लिए उन्हें अस्थाई लाइसेंस दिया जाता है. पिछली बार भी दीवाली के मौके पर इन दुकानदारों को काफी देर से लाइसेंस निर्गत किया गया था, जिसका सीधा प्रभाव उनकी बिक्री-बट्टा पर पड़ा था. दुकानदारों की मानें तो इस बार भी हाल कुछ वैसा ही है.
एक दुकानदार ने बताया कि आगामी दो नवंबर तक उनलोगों को लाइसेंस मिलने की उम्मीद है, जबिक चार नवंबर को दिवाली है. ऐसे में उनके समक्ष विकट स्थिति यह है कि मात्र दो-तीन दिनों में उनकी कितनी बिक्री होगी. कहीं पिछले साल की तरह उनकी पूंजी इस बार भी नहीं फंस जाए. यही सोचकर दुकानदार परेशान और निराश हैं.
बताया जाता है कि अब तक 419 पटाखा दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए प्रशासन के समक्ष आवेदन दे रखा है. इसमें पूरे जमशेदपुर के अलावा घाटशिला के अलावा बहरागोड़ा के दुकानदार भी शामिल हैं.
दुकादारों का कहना है कि एक्सप्लोसिव एक्ट-1983 के तहत करीब दस दिनों तक पटाखा बेचने की अनुमति देने का प्रावधान है. उनकी भी यह मांग है कि प्रशासन उन्हें दस दिनों तक पटाखा बिक्री की अनुमति दे. इसके लिए वे सभी नियमों के पालन को तैयार हैं, लेकिन कम से कम इस बार तो ऐसा होता दिख नहीं रहा है. यह दुकानदारों की निराशा की एक वजह है.
शहर के आस-पास की बात करें तो कुल बारह दुकानदार ऐसे हैं जिनके पास पटाखा बेचने का स्थाई लाइसेंस है. इनमें सुंदरनगर क्षेत्र के छह और एनएच-33 के छह दुकानदार शामिल बताए जाते हैं.
इन जगहों पर सज सकती है पटाखों की दुकान
शहर के जिन जगहों पर अमूमन पटाखा दुकान लगाने की अनुमति मिलती है, उनमें जुगसलाई रंग गेट मैदान, बिष्टुपुर जी टाउन क्लब मैदान, साकची आमबगान मैदान के अलावा बर्मामाइंस और मानगो के कुछ खुले स्थान शामिल हैं. दुकानदारों को इस बार भी इन्हीं जगहों पर दुकान लगाने की अनुमति मिलने का इंतजार है.