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बिजली विभाग के महाप्रबंधक का दावा-तार, पोल टूटे तो जल्द सुधार की व्यवस्था मुकम्मल

बिजली विभाग के महाप्रबंधक का दावा-तार, पोल टूटे तो जल्द सुधार की व्यवस्था मुकम्मल

दुमका में बिजली आपूर्ति को लेकर काफी परेशानियां हैं. जिले में तेज आंधी, बारिश और वज्रपात हो तो इसे ठीक करने में घंटों लग जाते हैं. लेकिन बिजली विभाग के महाप्रबंधक का दावा है कि इस बार मानसून में तार-पोल टूटे तो उसे सुधार कर विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने की व्यवस्था मुकम्मल कर ली गई है.
दुमका: बारिश के दिनों में तेज आंधी और वज्रपात की वजह से अक्सर दुमका में विद्युत आपूर्ति ठप्प हो जाती है, जिसे दुरुस्त करने में घंटों बीत जाते हैं. इससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो जाता है. लेकिन बारिश के मौसम में जिले की विद्युत विभाग पर जब विभाग के वरीय अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने दावा किया कि इस बार विपरीत परिस्थिति में बिजली आपूर्ति जल्द सुचारू करने की मुकम्मल व्यवस्था कर ली गई है
वारिस के दिनों में तेज आंधी और वज्रपात से सबसे ज्यादा नुकसान विद्युत आपूर्ति को पहुंचता है. वर्तमान समय में लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में संथाल परगना में बिजली विभाग की ओर से क्या कुछ खास तैयारीयां की गईं हैं ताकि लोगों को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति होती रहे, इस पर झारखण्ड वाणी संवाददाता ने प्रमंडल के विद्युत विभाग के महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता हरेंद्र कुमार सिंह से बात की. उन्होंने दावा किया कि प्रमंडल के सभी छह जिलों में आंधी बारिश से विद्युत आपूर्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो जल्द आपूर्ति सुचारू कराने के लिए मुकम्मल व्यवस्था की गई है.
संथाल परगना प्रमंडल के विद्युत विभाग के महाप्रबंधक सह चीफ इंजीनियर हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आंधी बारिश में विद्युत व्यवस्था कम से कम समय में दुरुस्त करने के लिए पांच मेंटेनेंस कैंप बनाए गए हैं. इसमें अभियंता से लेकर मिस्त्री और अन्य कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है. इसके साथ ही सभी तरह के उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक है. जीएम कहते हैं कि हाल के दिनों में साहिबगंज और दुमका जिले में तेज आंधी में विद्युत व्यवस्था कुछ चरमराई लेकिन उन्होंने तत्काल अपना सिस्टम लगाकर उसे दुरुस्त कर लिया गया.
महाप्रबंधक हरेंद्र कुमार सिंह एक सलाह देते हैं कि तेज आंधी बारिश में पेड़ गिरने से बिजली के पोल-तार टूटते हैं. इसके बाद उस व्यवस्था को सुधारने में काफी वक्त लग जाता है. गिरे पेड़ काटकर तुरंत हटाना काफी चैलेंजिंग होता है. ऐसे में उनके पास नहीं तो उसके विशेषज्ञ हैं नहीं पर्याप्त संसाधन. अगर तेज आंधी बारिश में कहीं पेड़ गिरता है तो उसे वन विभाग हटाए तो उस टूटे, पोल तार को जल्द दुरुस्त करके विद्युत व्यवस्था सुचारू की जा सकेगी.