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कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार

कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने की तैयारी में जुटी झारखंड सरकार

झारखंड सरकार कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए तैयारी में जुट गई है. राज्य में जिला स्तर पर डॉक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू, न्यू नेटल आईसीयू बनाया जा रहा है
रांची: कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए झारखंड सरकार जी जान से जुटी है. एक ओर जहां जिला स्तर पर डॉक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, तो दूसरी ओर अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू, न्यू नेटल आईसीयू बनाया जा रहा है. अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों और जरूरतों का गैप एनालिसिस किया जा रहा है.
स्वास्थ विभाग की वरीय पदाधिकारियों की बैठक में गैप एनालिसिस पर चर्चा के बाद बारह जिलों में एचआरसीटी मशीन, एमआरआई मशीन और कीमो कोलाइजर मशीन लगाने के लिए नीति आयोग से मांग की गई. वहीं बोकारो सदर अस्पताल में पीएसए प्लांट लगाने की मांग भारत सरकार से की गई है.
राज्य के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य)अरुण कुमार सिंह ने नीति आयोग को लिखे पत्र में हजारीबाग, दुमका और पलामू मेडिकल कॉलेज के अलावा रांची, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह, गढ़वा, सिमडेगा, गुमला, बोकारो और गोड्डा के सदर अस्पतालों में HRCT, MRI और कीमोलाइजर मशीन लगाने की मांग की है.
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए हर जिले से 02 मेडिकल ऑफिसर, दो पीडियाट्रिक और दो नर्सों को पहले से PICU की ट्रेनिंग दी जा रही है, तो अब इसे और आगे बढ़ाते हुए हर जिले से 02 आयुष चिकित्सक, दो मेडिकल अफसर, 02 स्टाफ नर्स और 02 मेल सपोर्टिंग स्टाफ, यानि 08 -08 लोगों को हर जिले से ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि आपात समय में इनकी सेवा NICU-PICU में ली जा सके.