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भारत में करोड़ों मजदूर है यदि मशीनीकरण हुआ तो रोटी छिन जाएगी: देवेंद्र सिंह

आज जमशेदजी नसरवानजी टाटा की जयंती है। शहर एवं पार्क दुल्हन जैसा सजा है बहुत ही खुशी का दिन है, यह नहीं होते तो शहर भी नहीं बसता। 1980 -85 में जमशेदपुर टाटा स्टील में लगभग 75000 स्थाई कर्मचारी हुआ करते थे इन कर्मचारियों ने इतना मेहनत किया कि पूरे देश एवं विदेश में टाटा स्टील लाभ कमा कर कई दर्जन उद्योग लगाए। आज टाटा स्टील में उन स्थाई कर्मचारियों की संख्या घटकर लगभग 8000 है, आज से 20 साल पहले कर्मचारियों को क्वार्टर एलॉटमेंट कराने के लिए पैरवी करनी पड़ती थी ,आज यह स्थिति है क्वार्टर खाली है, मजदूरों की कमी हो गई। टाटा साहब का सपना था लाखों मजदूरों के परिवार का भरण पोषण होगा ,लेकिन आज केवल कोरी बातें रह गई।  पूर्व प्रधानमंत्री  अटल बिहारी बाजपेयी ने 2000 के दशक में औद्योगिक घरानों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ऐसे देश में मशीनीकरण का उपयोग हर जगह उचित नहीं, क्योंकि भारत में करोड़ों मजदूर है यदि मशीनीकरण हुआ तो रोटी छिन जाएगी, इसलिए आप सभी मजदूरों कि रोजगार को ध्यान में रखकर ही उद्योग लगाएं, लेकिन आज वर्तमान में मजदूरों की जगह मशीनें ले ली हैं  आज महान विभूति जमशेदजी टाटा का जन्मदिन है उन्हें शत-शत नमन ।