झारखण्ड वाणी

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भाजपा अपनी फजीहत से बचने के लिए सरकार पर असम्मान करने का आरोप लगा रही है

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कोल्हान प्रमंडल प्रवक्ता जम्मी भास्कर ने भाजपा द्वारा झारखंड सरकार पर अटल बिहारी बाजपेयी जी के अपमान किये जाने के आरोप लगाये जाने पर कहा कि बीजेपी खुद पूण्य तिथि पर कार्यक्रम नही कर अपनी फजीहत से बचने के लिए सरकार पर असम्मान करने का आरोप लगा रही हैं, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी या किसी भी महापुरुष का कोई अपमान कर ही नही सकता,न किसी की ताकत है कि वे किसी का अपमान कर दे। आपके लिए कोई नेता युगपुरुष हो सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं कि वे नेता दूसरे पार्टियों या लोगो के लिए युगपुरुष हो जाय,ऐसा संभव नहीं है क्योंकि हर दल का समर्थक या कार्यकर्ता अपने नेता में खूबियाँ ही देखता है उसकी नाकामियो को नही देखता,यही परम सत्य है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। निःसंदेह अटल बिहारी वाजपेयी जी मे बहुत सारी खूबियाँ थी,उनका झारखंड निर्माण में बहुत बड़ा योगदान था,इससे इनकार नही किया जा सकता है, लेकिन यह भी सत्य है कि उनके शासन काल में ऐसी कई गलतियाँ हुई जिसे देश भूल नहीं सकता अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में ही कंधार अपहरण कांड हुआ जिसमें पांच पाकिस्तानी आतंकवादियो को छोड़ा गया था,जिसका देश आज भी दंश झेल रहा है ,अटल जी के ही शासन काल में आतंकवादियों ने संसद पर हमला कर चुनौती दी थी,पर देश इसका बदला नही ले सका देश के सेना सीमा तक पहुंचे लेकिन बिना लड़े ही वापस आ गए जबकि लाल बहादुर शास्त्री एवं इंदिरा गांधी के कार्यकाल में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में पाकिस्तानी सैनिक कारगिल ,गिलगिट एवं द्रास तक घुस गए और अपने ही जमीनी क्षेत्र को वापस लेने के लिए 500 सैनिकों को अपनी जान की कुर्बानी देनी पडी ।अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में एक निवेश मंत्रालय खोल दी गई थी जिसका हस्र हम देख रहे हैं अटल जी ने अपने जैसे सांसदों को विधायकों के लिए दिल खोलकर काम किया उनकी पुरानी पेंशन योजना को लागू रखा लेकिन देश की सीमा पर देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों भारतीय सीमा सुरक्षा बल,भारत तिब्बत सीमा पुलिस,असम रायफल, भारतीय औद्योगिक सुरक्षा बल,,केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को न्यू पेंशन स्कीम में झोंक दिया, येही नहीं देश के अन्य केंद्रीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ा । इसलिए हमारा यह मानना है कि बाजपेयी जी महान हो सकते हैं देश के सभी दलों के लोगों के लिए महान हो यह कोई आवश्यक नहीं है ।अब बात भाजपा द्वारा वाजपेयी जी के नाम पर प्रदेश में की जा रही संवाददाता सम्मेलन एवं पुतला दहन की नौटंकी को लेकर करता हूं रांची में भाजपा से जुड़े हुए 5 नेता जो कि विधानसभा के किसी भी पद पर नहीं है विधानसभा परिसर में स्थित बाजपेयी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने गए थे जिसकी उन्होंने पहले इजाजत नहीं ली थी इसलिए उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने की इजाजत नहीं मिली इसी बात को लेकर के उन्हें पूरे प्रदेश में नौटंकी करने का एक मौका मिल गया । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश एवं समीर उरांव सहित कुणाल षाडंगी एवं विधुत वरण महतो तक ने कह दिया कि यह झारखंड सरकार के इशारे पर बाजपेयी जी का अपमान है, जो कि सरासर गलत है।हो सकता है कि यह मानवीय भूल हो लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश बीजेपी के नेता समीर उराँव के नेतृत्व में डेढ़ बजे विधानसभा पहुँचते है, अगर बीजेपी की बाजपेयी जी प्रति सम्मान करना था तो पहले से इजाजत लेते, फिर पूरे प्रदेश में इतने बड़े नेता केन्द्रीय एवं पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं दो दर्जन विधायक रहने के बाद भी विधानसभा परिसर में क्यो नही गए,इसका जबाब बीजेपी के पास है क्या।जब आप विधानसभा सचिवालय एवं झारखंड सरकार पर उंगलियां उठायेंगे तो आप पर भी प्रश्न उठेगा की दो दर्जन विधायक,दो पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री के रहते कोई भी विधानसभा परिसर में बाजपेयी जी का प्रतिमा का सम्मान करने नही पहुंचे। विधानसभा की अपनी मर्यादा है यह किसी एक दल का नही है लेकिन कायदे एवं नियम है, सड़क थोड़े है कि माला लेकर पहुँच गए कि कहे कि गेट खोलिये,भवन की नियम परिपाटी को मानना चाहिए। इतना ही अटल जी के प्रति सम्मान था तो बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जिस तरह तीन लोगों ने माल्यार्पण किया उसी तरह सभी अपनी घर में तस्वीर पर माला पहनाते । भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता, सांसद सहित झारखंड बीजेपी के सभी नेताओं का सरकार पर आरोप लगाकर संगठन द्वारा उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित नही करने से जनता के बीच पार्टी को फजीहत से बचाने के लिए अनर्गल प्रलाप एवं नौटंकी कर रही है, जिसे जनता देख रही हैं कि बीजेपी किस तरह बुजुर्गों के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाती है।जिसकी दोषी खुद बीजेपी है।