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बदहाल है शहर के सारे पार्क, संचालन नहीं होने से स्थिति हुई जर्जर

कोरोना काल में पार्क को खोलने की अब तक अनुमति नहीं मिल पाई है, जिसकी वजह से संक्रमण काल में पार्कों का मेंटेनेंस तक नहीं हो पा रहा है. आलम यह है कि पार्क वीरान हो गए हैं और खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. राजधानी रांची में दो दर्जन से ज्यादा नगर निगम के अधीन पार्क है, जबकि वन विभाग के अधीन भी कई पार्क हैं.

रांची: कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के कारण राजधानी रांची के छोटे बड़े दो दर्जन पार्क में कार्यरत लगभग तीन सौ लोगों को अपनी नौकरी खोनी पड़ी है. इसके अलावे पार्क के बाहर अपना व्यवसाय करने वाले सैकड़ों लोग भी प्रभावित हुए हैं. अब तक पार्क खोलने को लेकर सरकार की ओर से हरी झंडी भी नहीं मिली है, जिसकी वजह से बेरोजगार हुए लोग जहां आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
कोरोना काल में पार्क को खोलने की अब तक अनुमति नहीं मिल पाई है, जिसकी वजह से संक्रमण काल में पार्कों का मेंटेनेंस तक नहीं हो पा रहा है. आलम यह है कि पार्क वीरान हो गया है और खंडहर में तब्दील हो रहा है राजधानी रांची में दो दर्जन से ज्यादा नगर निगम के अधीन पार्क है, जबकि वन विभाग के अधीन भी कई पार्क हैं. विभाग की ओर से उन पार्कों का मेंटेनेंस तो कराया जा रहा है. लेकिन नगर निगम के पार्कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है क्योंकि नगर निगम की ओर से पार्क की देखरेख के लिए टेंडर किया जाता है. ऐसे में टेंडर के तहत जिन्हें पार्क मिलते हैं. उन्हें पार्क में प्रवेश शुल्क समेत अन्य शुल्क के माध्यम से आय प्राप्त होता है और उसी से वह मेंटेनेंस का कार्य करवाते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में पार्क बंद रहने की वजह से नगर निगम पार्क का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है.
शहीद संकल्प चिल्ड्रेन पार्क ऐसे में नगर निगम की ओर से टेंडर किए गए पार्क की स्थिति को लेकर शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस पर नगर निगम को ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि मेंटेनेंस नहीं होने से स्थिति भयावह हो जाएगी.
हालांकि, उपनगर आयुक्त शंकर यादव ने कहा कि जब पार्क खुल जाएंगे तो विशेष रूप से सफाई अभियान चलाई जाएगी. ऐसे में अगर राजधानी रांची की बात करें, तो लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े पार्कों ने कई लोगों की रोजी-रोटी छीन ली है और इससे जुड़े लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. लेकिन बेरोजगार हुए लोगों के लिए फिलहाल सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है.