झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

बार बार जिन्दा होता है

बार बार जिन्दा होता है
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बहुत कठिन है उसे समझना,
क्योंकि वो बहुत ही विकट है,
पर सभी के दिलों के निकट है,
चाहे वो जितना भी विकट है,
पर उससे ज्यादा वो जीवट है,
न तो कभी किसी से डरता है,
और न वो कभी मरता है।
उसको मारने की हर कोशिश में,
वो और ताकतवर होकर,
बार बार जिन्दा होता है
और नाथूराम शर्मिन्दा होता है।

श्यामल सुमन