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अनुशासनहीनता मामले में चार नेताओं पर गिरी गाज, कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निकाला

अनुशासनहीनता मामले में चार नेताओं पर गिरी गाज, कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निकाला
एक महीने से अधिक समय लेने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने अनुशासनहीनता को लेकर चार नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया है. एक महीने पहले प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने चार नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधि में दोषी मानकर इनके निष्कासन की अनुशंसा की थी.
रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति की अनुशंसा पर फैसला लेते हुए आज पीसीसी झारखंड ने प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता छोटू, प्रदेश सचिव साधु शरण गोप और प्रदेश डेलीगेट्स मेम्बर लाल किशोर नाथ शाहदेव को छह वर्ष के लिए दल से निष्कासित कर दिया गया है.
आठ जनवरी 2023 को प्रदेश अनुशासन समिति ने दो प्रदेश महासचिव सहित पांच पदाधिकारियों को दल से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की थी. इनमें से एक सुनील सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर माफी मांग ली थी. झारखंड कांग्रेस की स्टेट लेवल अनुशासन समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया का पालन और तथ्यों की जांच कर दल के पांच नेताओं को अनुशासनहीनता का दोषी करार देते हुए दल से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से आठ जनवरी 2023 को की गई थी.
रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति की अनुशंसा पर फैसला लेते हुए आज पीसीसी झारखंड ने प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता छोटू, प्रदेश सचिव साधुशरण गोप और प्रदेश डेलीगेट्स मेम्बर लाल किशोरनाथ शाहदेव को छह वर्ष के लिए दल से निष्कासित कर दिया है.
अनुशासनहीनता के दोषी नेताओं पर कार्रवाई को लेकर असमंजस में है कांग्रेस जाने वजह आठ जनवरी को ही अनुशासन समिति ने दल से बाहर करने की अनुशंसा की थीः आठ जनवरी 2023 को प्रदेश अनुशासन समिति ने दो प्रदेश महासचिव सहित पांच पदाधिकारियों को दल से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की थी. इनमें से एक सुनील सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर माफी मांग ली थी. झारखंड कांग्रेस की स्टेट लेवल अनुशासन समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया का पालन और तथ्यों की जांच कर दल के पांच नेताओं को अनुशासनहीनता का दोषी करार देते हुए दल से छह वर्ष के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से आठ जनवरी 2023 को की गई थी.प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति द्वारा जांच में दल के पांच नेताओं पर अनुशासनहीनता के दोष सिद्ध होने और पार्टी के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से कार्रवाई की अनुशंसा के एक महीने से अधिक समय बाद प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने यह फैसला लिया है. अनुशासनहीनता के दोषी पाए गए चार पार्टी पदाधिकारियों को दल से छह वर्ष केलिए बाहर कर दिया गया है. एक महीने से अधिक का समय लगने की वजह यह रही कि जिन नेताओं पर अनुशासनहीनता को लेकर गाज गिरी है, वह खांटी कांग्रेसी रहे हैं और एक झटके में उन्हें दल से बाहर कर दिया जाए इसको लेकर कांग्रेस नेतृत्व दुविधा में थी
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने  आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दल से निष्कासन की जानकारी सार्वजनिक की. इससे पहले प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर कहा था कि किसी भी पार्टी के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है. लेकिन हमें यह भी देखना पड़ रहा है कि जिन लोगों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है उनका लंबे दिनों से समर्पण और लगाव भी कांग्रेस पार्टी से रहा है. किसी ने 20 साल से किसी ने 25 साल से कांग्रेस पार्टी में सेवा दी है. ऐसे में एक झटके से पार्टी से उन्हें बाहर करना थोड़ा कठिन फैसला लेने जैसा है.
झारखंड कांग्रेस के दो प्रदेश महासचिव, दो सचिव और एक डेलीगेट्स मेम्बर को अनुशासनहीनता के आरोप में दल से छह वर्षो के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से झारखंड कांग्रेस अनुशासन समिति ने की थी. जिन नेताओं को दल से निष्कासित करने की अनुशंसा की गई थी, उसमें प्रदेश महासचिव आलोक दुबे, राजेश गुप्ता, प्रदेश सचिव साधु शरण गोप और सुनील सिंह के अलावा प्रदेश डेलीगेट्स मेम्बर लाल किशोर नाथ शाहदेव का नाम शामिल था. जबकि दो अन्य अनुशासनहीनता के आरोपी राकेश तिवारी, अनिल ओझा के शो कॉज के आये जवाब से संतुष्ट होकर प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. इन नेताओं पर आरोप था कि यह अपने प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी आलाकमान के खिलाफ मीडिया और सोशल मीडिया में बयानबाजी की, पार्टी लाइन से अलग जाकर बैठक की और दल की नीति और सिद्धांतों को कमजोर करने का काम क़िया. इन पांच में से प्रदेश सचिव ने बाद में लिखित माफी मांग ली जिसके बाद उन्हें भी माफी मिल गई.