झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

अनुभव मिलता है ठोकर से

अनुभव मिलता है ठोकर से
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ये जीवन इक बहती धारा, नित सीख नया दे जाती है।
फिर जीने खातिर चुन चुनके, कुछ खुशियाँ भी ले आती है।।
ये जीवन —–

हम जान रहे सबसे ज्यादा, हर उमर में बोध हुआ इतना,
पीछे मुड़ के जब देखा तो, इस भरम पे क्रोध हुआ कितना,
फिर भी हम सीख कहाँ पाए, ये सीख हमें सिखलाती है।
ये जीवन —–

धोखे ही अक्सर मिलते हैं, पर मिलता सच्चा संत नहीं,
जीवन भर चुनते सच्चे को, इस सीख का कोई अंत नहीं,
अनुभव मिलता है ठोकर से, ठोकर ही राह बताती है।
ये जीवन —–

दौलत, शोहरत की लालच में, हम भटक रहे दिन रात यहाँ,
ये दुनिया प्यार की थाती है, बस प्यार एक सौगात यहाँ,
आपस की लड़ाई कभी सुमन, क्या उलझन को सुलझाती है?
ये जीवन —–

श्यामल सुमन