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आम्रपाली कोल परियोजना मामले में दो दरोगा पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को फंसाने का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

आम्रपाली कोल परियोजना मामले में दो दरोगा पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को फंसाने का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

चतरा के टंडवा थाने में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों का अनुसंधान कर रहे दो दारोगा के खिलाफ टंडवा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मामला 2015 में सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों के आंदोलन से संबंधित है.
चतरा: 2015 में सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना के विस्थापितों के आंदोलन से संबंधित मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को फंसाए जाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोपितों में दरोगा गौरी शंकर तिवारी और सत्येन्द्र कुमार सिंह शामिल हैं. इन पर केस डायरी और तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोपों की पुष्टि हुई है.
सीआइडी के पूर्व एडीजी अनिल पालटा ने समीक्षा के बाद इन्हें दोषी पाया था और चतरा के एसपी को कार्रवाई का आदेश दिया था. वहां के विस्थापित भूमि अधिग्रहण में अनियमितता को लेकर आंदोलन कर रहे थे. मामले में टंडवा थाना में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को भी आरोपित बनाया गया था. पूर्व मंत्री ने घटना के बाद से लगातार यह आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सत्ता का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया. वह इसकी जांच सीआईडी से कराने की मांग पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं. वर्तमान सरकार ने उनसे संबंधित पांच मामलों की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया था. छानबीन में पता चला कि टंडवा थाना कांड संख्या 90/15 तथा 91/15 के अनुसंधानकर्ताओं ने केस डायरी को ही बदल दिया है. इसके आलोक में सीआइडी अनुसंधान के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने चतरा के एसपी को कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद ही दोनों अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ टंडवा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इधर, कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का कहना है कि उनके पिता पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव और उनकी मां पूर्व विधायक निर्मला देवी समेत मेरे पूरे परिवार पर जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं, चाहे वह केरेडारी थाना कांड सं 33/12 हो या अन्य थानों में दर्ज मामले, सभी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर और पद एवं सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के इशारे पर दर्ज किए गए हैं. उनका आरोप है कि इसी तरह बड़कागांव थाना में भी कई झूठे मामले दर्ज कर पूर्व मंत्री के ऊपर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर जेल भेजा गया है. बड़कागांव में पुलिस की गोली से घायल किसानों ने भी पुलिस के ऊपर न्यायालय में केस किया था. आरोप है कि इस केस में भी अनुसंधानकर्ताओं ने तथ्य की भूल बताकर केस डायरी को बंद कर दिया. इन सबको लेकर विधायक अंबा प्रसाद ने सवाल उठाया है.