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आदेश की अवहेलना करने के मामले में कोर्ट ने मानगो थानेदार को कारण बताओं नोटिस जारी किया

आदेश की अवहेलना करने के मामले में कोर्ट ने मानगो थानेदार को कारण बताओं नोटिस जारी किया

जमशेदपुर : जब्त किये गये व्यवसायिक वाहन को रिलिज करने के आदेश की अहवहेलना करने सम्बंधी याचिका पर सुनवाई के बाद प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी मयंक मालियाज की अदालत ने मंगलवार को मानगो थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अदालत ने थाना प्रभारी को यथाशीघ्र नोटिस का जवाब दाखिल करने का आदेश भी दिया है. अदालत ने थाना प्रभारी से पूछा है कि आदेश के बावजूद कमर्शियल वाहन को रिलीज क्यों नहीं किया गया. याचिकाकर्ता फिरोज आलम जुगसलाई महतोपाड़ा रोड निवासी की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जाहिद इकबाल ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में बताया है कि मानगो पुलिस द्वारा पिछले दिनों गोवंशीय पशु को ले जाते एक टाटा मैजिक वाहन को जप्त किया गया था. आरोप था की मांस के व्यापार के लिए प्रतिबंधित गोवंश के पशु को बधशाला ले जाया जा रहा था. पुलिस ने वाहन के चालक और खलासी को गिरफ्तार कर लिया और पशु को गौशाला भिजवा दिया. बाद में वाहन के मालिक फिरोज आलम को पुलिस ने बुलवाया और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया. पिछले दिनों फिरोज आलम को जिला कोर्ट से जमानत मिल गई.
उसके बाद उसके अधिवक्ता मोहम्मद जाहिद इकबाल ने कमर्शियल वाहन को रिलीज करने के लिए कोर्ट में पिटीशन दाखिल किया. कोर्ट ने सिटीजन की सुनवाई के बाद मानगो थाना को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं वाहन को  रिलीज कर दिया जाए. पुलिस ने याचिका का जवाब दाखिल किया और बताया कि मामला अनुसंधान के अंतर्गत है इसलिए इस वाहन को अभी रिलीज नहीं किया जाए. लेकिन वस्तु स्थिति और अधिवक्ता के तर्कों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कमर्शियल वाहन को रिलीज करने का आदेश दिया. अदालत का मानना था कि यह बहुत संगीन मामला नहीं है. क्योंकि इस मामले का अनुसंधान वाहन से जुड़ा हुआ प्रतीत नहीं होता है. इसलिए वाहन को रिलीज किया जा सकता है. लेकिन जब कोर्ट के रिलीज के आदेश को याचिकाकर्ता फिरोज आलम मानगो थाना लेकर गया तो उसके साथ थाना प्रभारी विनय कुमार द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. दाखिल की गई याचिका में आरोप है कि थाना प्रभारी ने उसका रिलीज़ आर्डर ले लिया और उसे थाना से भाग जाने और दोबारा नहीं आने को भी कहा. इसलिए अधिवक्ता की ओर से दाखिल की अर्जी में कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया है कि कमर्शियल वाहन को कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश पास किया जाय. उसके बाद वाहन उसके मालिक को सौंपा जा सकता है.