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वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने करोड़ों रूपये की राशि निकासी पर कारवाई करने के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने करोड़ों रूपये की राशि निकासी पर कारवाई करने के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 54(7) दिनांक 1.5.2021 के अनुसार “वैश्विक महामारी Novel Corona Virus (COVID-19) से संबंधित Contact Tracing, Testing, Supervision, कोविड अस्पताल/कोविड वार्ड में कार्यरत, कार्यालय तथा कंट्रोल रूम में कोविड से संबंधित कार्यों हेतु प्रतिनियुक्त चिकित्सा कर्मियों तथा चिकित्सकों को एक माह के मूल वेतन/मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की जानी थी. प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदा कर्मी विभाग द्वारा चिन्हित किये जाने थे.
संकल्प की कंडिका 4 में प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य कर्मियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया हुआ है. इसमें यह उल्लेख भी है कि “वैसे चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं स्वास्थ्य विभागीय अन्य कर्मी, जिनके द्वारा कोविड-19 में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया है, उन्हें यह प्रोत्साहन राशि अनुमानित नहीं होगा. प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने हेतु कर्मी की पात्रता सुनिश्चित करने की पूर्ण ज़िम्मेवारी संबंधित कार्यालय प्रधान की होगी.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में गठित समिति ने पात्रता श्रेणी में आने वाले 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की जो प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य थे. परंतु स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी गई. इस सूची में मंत्री का नाम सबसे ऊपर अंकित है.इस सूची में स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिवों, निजी सहायकों, चर्या लिपिकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, 8 वाहन चालकों, 4 सफ़ाई कर्मियों और मंत्री की सुरक्षा में नियुक्त/प्रतिनियुक्त कुल 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों में शामिल है.

विभागीय अधिकारियों ने संबंधित संचिका के पृष्ठ 29 और 30 पर अंकित टिप्पणी में इस बारे में नियमों से मंत्री को अवगत करा दिया है. विभागीय समिति की कार्यवाही संचिका के पत्राचार पृष्ठ 84-85 पर रखते हुये मंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए और संचिका के टिप्पणी पृष्ठ 38 पर इसका उल्लेख करते हुये संचिका मंत्री के पास सहमति देने के लिये दिनांक 4.3.2022 को भेज दिया.स्वास्थ्य मंत्री के पास संचिका गई तो उन्होंने इसमें एक और नाम जोड़ने का आदेश दिया कि झारखंड विधानसभा के एक टंकक, जिसकी प्रतिनियुक्ति उनके गोपनीय शाखा में है का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की सूची में जोड़ दिया जाय. स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्री के अनधिकृत दबाव में विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के अंत में सूची में शामिल मंत्री सहित कुल 60 को प्रोत्साहन राशि का अवैध और अनधिकृत भुगतान हुआ. मंत्री ने स्वयं संबंधित संचिका के पृष्ठ 40 पर दिनांक 7.3.2022 को इस पर हस्ताक्षर किया है.

विभागीय संकल्प की प्रति, अनुचित प्रोत्साहन राशि पाने वाले स्वास्थ्य मंत्री सहित मंत्री कोषांग के अन्य कर्मियों की सूची, संचिका के टिप्पणी पृष्ठ पर 40 और 42 पर स्वास्थ्य मंत्री के एतद्संबंधी आदेश वाले पृष्ठों की छाया प्रति आपके अवलोकनार्थ संलग्न है.

प्रासंगिक संकल्प के अनुसार प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिये अयोग्य कर्मियों का चयन करने के लिये अपने कोषांग के प्रधान के नाते आपकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री स्वयं ज़िम्मेदार है. वे घोर वित्तीय कदाचार और अनियमितता के दोषी हैं. यह उनके भ्रष्ट आचरण का द्योतक है.

श्री राम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उपर्युक्त विवरण के आलोक में स्वास्थ्य विभाग की प्रासंगिक संचिका मंगाकर घोर वित्तीय अनियमितता के लिये स्वास्थ्य मंत्री पर कारवाई करना चाहेंगे तथा स्वास्थ्य मंत्री सहित उनके कोषांग के अन्य कर्मियों द्वारा ली गई अनुचित एवं अवैध प्रोत्साहन राशि वापस करने का आदेश देने और इसके लिये दोषियों के विरूद्ध कारवाई करना चाहेंगे