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वीरों और उनके अधिकारों की हिफाज़त ज़रूरी, प्रताड़ित करने वालों पर हो कार्रवाई : कुणाल षाड़ंगी

झारखंड राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में अदम्य साहस और पराक्रम के लिए शौर्य चक्र का सम्मान पाने वाले घाटशिला निवासी मोहम्मद जावेद इन दिनों जमीन और रास्ते को लेकर व्यवधानों से घिरे हैं। उनके घर के बगल में मस्ज़िद के लिए मुख्य द्वार उनके घर के मुख्य द्वार के सामने खोल दिया गया है जिससे उन्हें काफ़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। कभी बॉर्डर पर दुश्मनों से लोहा लेने वाला जांबाज अब अपनों के बीच स्थानीय समस्याओं से जूझ रहा है। ज़मीन और रास्ते के विवाद के समाधान को लेकर मोहम्मद जावेद ने कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगाई इसके बावजूद उन्हें न्याय से वंचित रखा गया। दूसरी ओर मस्जिद कमिटी के सदस्यों ने इनके घर के आगे से मुख्य द्वार निर्माण कार्यारंभ कर दिया है। गुरुवार को अपनी फरियाद अनसुनी करने को लेकर मोहम्मद जावेद घाटशिला एसडीओ कार्यालय के बाहर धरने पर भी बैठे थे। मामला प्रकाश में आने के बाद बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शौर्य चक्र विजेता मोहम्मद जावेद के समर्थन में आवाज़ बुलंद किया। गुरुवार को ही कुणाल षाड़ंगी ने ट्वीट के द्वारा झारखंड सरकार और पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन का इस आशय की ओर ध्यानाकृष्ट कराते हुए सवाल किया कि आख़िर किस मज़बूरी में एक जांबाज सैनिक को धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि वीरों और उनके अधिकारों की हिफाज़त ज़रूरी है। मोहम्मद जावेद को किन परिस्थितियों में प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है और उन्हें परेशान करने वालों पर अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। पूर्व विधायक सह भाजपा प्रदेश प्रवक्ता द्वारा मामले को उठाये जाने के बाद विषय गर्मा चुका है। मामले को तूल पकड़ता देख राज्य सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया है। राज्य पुलिस महानिदेशक एमवी राव सहित कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने भी मामले में जाँच और दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिये है। इधर जिला उपायुक्त सूरज कुमार के निर्देश पर जाँच दल का गठन किया गया है। डीसी के निर्देश पर घाटशिला एसडीओ और अंचल अधिकारी मामले में जाँच प्रारंभ कर दिया है। इसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। संबंधित जानकारी जमशेदपुर पुलिस ने अपनी ट्विटर एकाउंट द्वारा पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी द्वारा की गई ट्वीट के आलोक में दी गई। विदित हो कि शौर्य चक्र विजेता मोहम्मद जावेद ने एसडीओ कार्यालय में धरने पर बैठकर घोषणा किया था कि उन्हें यदि न्याय नहीं मिला तो वे अपने सम्मान को सरकार को वापस कर देंगे। इस वीडियो के सामने आने के बाद संवेदनशीलता दिखाते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की माँग की थी।