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त्रिकूट रोपवे हादसाः दहशत की कहानी, सुशीला की जुबानी

त्रिकूट रोपवे हादसाः दहशत की कहानी, सुशीला की जुबानी

देवघर में त्रिकूट रोपवे हादसा को लेकर शासन प्रशासन सक्रिय है. आलाधिकारी लगातार देवघर का रूख कर रहे हैं, वह इस रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे हैं. इसी कड़ी में एडीजी आर के मल्लिक और आपदा प्रबंधन के सचिव अमिताभ कौशल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू किए गए लोगों से मिले.
देवघरः त्रिकूट रोपवे हादसा के बाद शासन प्रशासन का महकमा देवघर आने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में हादसे का जायजा लेने एडीजी आर के मल्लिक और आपदा प्रबंधन के सचिव अमिताभ कौशल मौके पर पहुंच गए हैं. उन्होंने उन लोगों से हालचाल जाना, जिन्हें रोपवे से रेस्क्यू कर नीचे उतारा गया है. इसी में से एक महिला सुशीला देवी भी थीं.
त्रिकूट रोपवे में रात भर ट्रॉली में दुमका की सुशीला देवी फंसी रही. वह रविवार को यहां घूमने आई थी और अपने परिवार के छह अन्य सदस्यों के साथ रोपवे का आनंद ले रही थीं, उसी वक्त यह हादसा हुआ. सुशीला देवी रात भर उस ट्रॉली में फंसी रहीं. हालांकि सुशीला देवी और उनके परिवार के सभी छह सदस्यों को सुरक्षित उतार लिया गया है.झारखणड वाणी से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि रात भर सांसें अटकी रही थीं, समझ में नहीं आ रहा था कि नीचे कैसे जाएंगे या फिर उनकी मृत्यु इसी में हो जाएगी.
देवघर त्रिकुट रोपवे हादसा के बाद शासन-प्रशासन के साथ-साथ सेना और एनडीआरएफ की टीम की ओर से राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 22 लोगों को सकुशल निकाल लिया गया है. ग्रामीणों और सेना के जवानों ने रस्से के सहारे निकाला तो कइयों को हेलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू किया गया है. हेलीकॉप्टर द्वारा जिन लोगों को निकाला गया उन्हें सीधे देवघर सदर अस्पताल भेजा गया है. जहां उन लोगों का इलाज किया जा रहा है. अभी भी कई लोग इस रोपवे में फंसे हुए हैं, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है.