झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

तेलंगाना पुलिस ने मास्क नहीं पहनने वालों से अब तक वसूला 31 करोड़ का जुर्माना

राज्य के जरूरतमंदों को मिला ऑक्सीजन अब दूसरे राज्यों को अधिक ऑक्सीजन की कर रहे सप्लाई

*रांची- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में द्रुत गति से बढ़े संक्रमित मरीजों की जीवन रक्षा के लिए समय रहते ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया। अपने सीमित संसाधनों के साथ इस कार्य में काफी हद तक सरकार सफल भी रही। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने दो दिन पूर्व ही रामगढ़ के मांडू स्थित डीएवी स्कूल, घाटोटांड़ में ऑक्सीजन युक्त 80 बेड के कोविड केयर सेंटर का उद्घाटन किया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जरूरतमंदों को किसी तरह की परेशानी न हो। सरकार सभी जिलों में ऑक्सीजन बैंक बनाने और जिलों के सदर अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में भी काम शुरू कर चुकी है। ऑक्सीजन की उपलब्धता के मामले में राज्य अब आत्मनिर्भर हो गया है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक रही। नेशनल क्लीनिकल रजिस्ट्री के अनुसार पहली लहर में लोगों में सांस की तकलीफ 41.7 प्रतिशत थी, जो दूसरी लहर में बढ़कर 47.5 प्रतिशत हो गई। यह एक चिंताजनक स्थिति रही। सांस की तकलीफ बढ़ने पर मेडिकल ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ने लगी। मुख्यमंत्री हालात पर लगातार नजर बनाए रखे । राज्य के विशेषज्ञों की भी राय रही कि जिस तरह से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए राज्य को ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाना होगा।
संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन टास्क फोर्स का गठन किया गया। टास्क फोर्स द्वारा राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन कैसे बढ़े, ऑक्सीजन सिलेंडर व जरूरी उपकरणों की उपलब्धता और अस्पतालों तक निर्बाध आपूर्ति कैसे हो, इस पर योजना बनाकर काम किया गया। अप्रैल 2021 तक राज्य में 12 ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट थी। ये यूनिट प्रतिदिन 6000 से 7000 सिलेंडर को रिफिल करने की क्षमता रखती थी। राज्य में कार्यरत पांच ऑक्सीजन निर्माताओं द्वारा 315 टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा था। 22 अप्रैल तक इस क्षमता को बढ़ाकर 570 टन प्रतिदिन किया गया। इसके बाद भी राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता को और बढ़ाने का काम जारी रहा। परिणाम यह रहा कि झारखंड अब दिल्ली, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों को पहले से अधिक ऑक्सीजन सप्लाई कर रहा है।
22 अप्रैल 2021 तक राज्य में 80 से 100 टन ऑक्सीजन रोजाना की मांग थी, जबकि राज्य में उत्पादन उससे कहीं ज्यादा हो रहा था। लेकिन, ऑक्सीजन सिलेंडर और संबंधित उपकरणों की कमी की वजह से शुरू में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में कुछ दिक्कत हुई। इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता के लिए प्रयास किए गए। राज्य में उपलब्ध इंडस्ट्रियल सिलेंडरों को भी मेडिकल सिलेंडरों के रूप में परिवर्तित किया गया।
अप्रैल माह में पूरे राज्य में 1824 नए ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध कराए गए। उस समय यह प्रयास किया गया कि सभी जिलों में कम से कम 50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड जरूर उपलब्ध हो। एक बार यह काम हो जाने के बाद बेड की संख्या में लगातार इजाफा किया गया। अभी राज्य के सभी जिलों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या संतोषजनक कही जा सकती है।
संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन प्लांटों का  भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए भी निर्देश दिए। इसके बाद राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन काफी तेजी से बढ़ाया गया।
ऑक्सीजन उपलब्धता को अस्पतालों में सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने संजीवनी वाहन की शुरुआत की। संजीवनी वाहनों की शुरुआत होने से काफी फायदा हुआ। इन वाहनों में चौबीस घंटे ऑक्सीजन सिलेंडर लदे होते हैं। फिलहाल यह सुविधा राजधानी रांची के अस्पतालों के लिए की गई है। रांची के जिस अस्पताल में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इन वाहनों के द्वारा तत्काल वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अब रांची और धनबाद के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो रही। मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है।
मई के पहले हफ्ते में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के मल्टी लेबल पार्किंग में नए कोविड केयर सेंटर की शुरुआत हुई। इसमें 327 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। इससे काफी राहत मिली है। सदर अस्पताल की व्यवस्था की देखरेख के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया गया। इससे मरीजों को ऑक्सीजन बेड या इलाज में काफी मदद मिली है।
संक्रमण के शुरुआती दौर में मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों के चक्कर लगाकर खुद ही जानकारी लेनी पड़ रही थी। उससे उन्हें काफी परेशानी हो रही थी। मरीजों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 104 जारी किया। हेल्पलाइन से अस्पतालों में बेड की स्थिति और ऑक्सीजन की उपलब्धता सहित तमाम जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इन तमाम प्रयासों के पीछे मुख्यमंत्री का बड़ा योगदान रहा। वे लगातार मामले की जानकारी लेते रहे। जो खामियां थी, उसे दुरुस्त किया गया और इसी का परिणाम है कि झारखण्ड में कोविड के मामले कम हो रहे हैं।
================
*तेलंगाना पुलिस ने मास्क नहीं पहनने वालों से अब तक वसूला 31 करोड़ का जुर्माना*

*हैदराबाद :कोरोना संकट के बीच तेलंगाना हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने कोरोना संबंधी नियमों का पालन नहीं करने वालाें पर की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा पेश किया है। अब तक राज्य में 3,39,412 लोगों पर कार्रवाई कर लगभग 31 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
मंगलवार को लॉकडाउन और कोरोना नियमों के क्रियान्वयन को लेकर राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में तेलंगाना पुलिस महानिदेशक एम. महेन्दर रेड्डी ने बताया कि दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों से भी सख्ती से निपटा जा रहा है और इस संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक तेलंगाना में मास्क नहीं लगाने वालों से 3, 39,412 लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के मामले दर्ज कर 31 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया.
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमणकाल के दौरान शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं करने पर 22,560 लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन को भी सख्ती से पालन कराया जा रहा है। राज्य में 01 से 14 मई तक रात की कर्फ्यू के उल्लंघन करने पर 1 से 14 मई तक 4,31,823 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके हैं।*

*भारत में कोशिश 19 के 2,67,334 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,54,96,330 हुई। 4529 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 2,83,248 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 32,26,719 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 2,19,86,363 है। देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 18,58,09,302 हो गया है।*

*भयंकर तूफान ‘ताउते’ ने गुजरात तट को किया पार कमजोर हो रहा है चक्रवात*

नई दिल्ली :  गुजरात में दो दशक के सबसे भयंकर तूफान चक्रवात ताउते ने सोमवार रात को दस्तक दी. भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान गुजरात के तटों से टकराया है और करीब चार घंटों तक इसका सबसे भीषण असर देखने को मिला. इस दौरान 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. इससे सौराष्ट्र और अन्य तटीय इलाकों में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए. बिजली के खंभे गिरने से विद्युत आपूर्ति चरमरा गई. मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोन ताउते उत्तर और उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा और पोरबंदर से महुवा (भावनगर जिले) के बीच गुजरात के तटों से गुजरा. इस दौरान हवाओं की रफ्तार 190 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई. जानमाल के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है. कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और गोवा में तूफान ताउते पहले ही बड़ा नुकसान पहुंचा चुका है. कर्नाटक और महाराष्ट्र में बारह लोगों की मौत भी हुई है. गुजरात में दो लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था.
चक्रवाती तूफान ताउते का मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में गहरा असर देखने को मिला है. महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में तो छह लोगों की मौत हो गई है. जबकि तीन नाविक लापता बताए जा रहे हैं. वहीं सोमवार को मुंबई में भी समुद्र में ऊंची लहरें उठने के साथ भारी बारिश हुई. बांद्रा वर्ली सी लिंक और मुम्बई एयरपोर्ट को बंद किया गया. कई जगहों पर जल जमाव भी देखने मिला.रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के समुद्री किनारों पर तूफान ने नुकसान पहुंचाया.रायगढ़ जिले में तीन, सिंधुदुर्ग में एक और दो लोगों की मौत नवी मुंबई और उल्हासनगर में हुई. इनकी मौत साइक्लोन ताउते के कारण गिरे पेड़ की चपेट में आने से हुई. मुंबई एयरपोर्ट शाम छह बजे तक के लिए बंद कर दिया गया.कर्नाटक में चक्रवात ताउते की वजह से प्रभावित तटीय और मलनाड जिले में अब तक छह लोगों की मौत हो गई. कर्नाटक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से स्थिति को लेकर जारी रिपोर्ट में बताया गया कि आज सुबह तक 121 गांव और तालुका चक्रवात से प्रभावित हैं. बताया गया कि 547 लोगों को अब तक उनके संबंधित स्थानों से निकाला गया है और चक्रवात से लोगों को बचाने के लिए यहां खोले गए 13 राहत शिविरों में 290 लोग शरण लिए हुए हैं*

*कोविड-19 बुलेटिन : रांची से मिले 289 पोजिटिव मामले, पूरे झारखण्ड में 2925 नए पॉजिटिव मामले, राज्य में आज 62 संक्रमितों की मृत्यु, इसके साथ ही झारखण्ड में कुल 320934 पॉजिटिव मामले, 31528 सक्रिय मामले, 284805 ठीक, 4601 मौतें हुई हैं*