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टाटा स्टील इंकैब कंपनी का उद्धार करे

टाटा स्टील द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल रिट पेटिशन १४२५३/ २०१८ और इंकैब के दो कर्मचारियों राम बिनोद सिंह और आलोक सेन की तरफ से दाखिल रिट पेटिशन १५५४१/ २०१८ पर आज बहस की शुरुआत करते हुए उनके अधिवक्ता इन्द्रनील नंदा ने माननीय अदालत को बताया कि वे टाटा के वरीय अधिवक्ता श्री कुंडू और जमशेदपुर कर्मचारियों के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव के तकरीरों का समर्थन करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इंकैब की जमीन टाटा स्टील द्वारा लीज में दी गयी है। टाटा स्टील हम मजदूरों को कम मूल्य पर बिजली पानी मुहैया कराती रही है। जमशेदपुर शहर का देखभाल भी टाटा स्टील करती है। इसके अलावा टाटा स्टील के पैकेज को बायफर द्वारा अपने आदेश में सबसे अच्छा माना गया जिसे बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी बनाये रखा। अतः हम चाहते हैं कि टाटा स्टील इंकैब कंपनी का उद्धार करे। उन्होंने साफ किया कि उनका मकसद रिट दाखिल करने का यही है अतः कमला मिल्स, पेगासश, फस्का और आर आर केबल जैसी प्राईवेट कंपनियों द्वारा बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों को खरीदने का कोई हक नहीं।

अदालत की कार्यवाही के दौरान कमला मिल्स के अधिवक्ता रूद्रेश्वर सिंह ने जमशेदपुर के मजदूरों के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव द्वारा दी गयी दलीलों पर प्रत्युत्तर देने की इजाजत मांगी। अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई के दिन दस मिनट में अपना जवाब देने की इजाजत दी। उसके बाद टाटा स्टील के अधिवक्ता कमला मिल्स के अधिवक्ता द्वारा उल्लेख किये गये माननीय सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों का जवाब देंगे। अगली सुनवाई 08.04.2021 को होगी और उसके बाद माननीय न्यायाधीश श्री अरिंदम सिंहा आदेश पारित करेंगे।

आज की हियरिंग में मजदूरों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया।