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टाटा के कार्यक्रम में पहुंचे ग्यारह राज्यों के ट्राइबल आर्टिस्ट कैनवास पर दिख रही प्रकृति से प्यार की सुंदर बानगी

टाटा के कार्यक्रम में पहुंचे ग्यारह राज्यों के ट्राइबल आर्टिस्ट, कैनवास पर दिख रही प्रकृति से प्यार की सुंदर बानगी

जमशेदपुर: टाटा स्टील हर साल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय समुदाय को समर्पित ट्राईबल इन्क्लेव ‘संवाद’ का आयोजन करती है. इसमें दुनिया भर से जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि एक जगह एकत्रित होते हैं. कोरोना काल की वजह से पिछले साल भव्य आयोजन नहीं हो पाया, वहीं इस साल भी कार्यक्रम छोटे स्तर पर सेमी ऑनलाइन मोड में आयोजित हो रहा है. यह कार्यक्रम सोनारी ट्राईबल कल्चर सेंटर, विकास भारती, सुंदरनगर और कुडी मोहंती ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है. 
ग्यारह जनजातीय बहुल राज्यों से ट्राईबल शिल्पकार (आर्टिस्ट) जुटे हैं. बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश समेत ग्यारह राज्यों के कलाकार जमशेदपुर से सटे सुंदरनगर के विकास भारती आर्टिशन रेसीडेंसी के परिसर में जनजातीय पेंटिंग के माध्यम से अपनी कला संस्कृति को प्रदर्शित कर रहे हैं. गोंद, पाईतकर, भील, थांका, जुआंग, सोहराय समेत अन्य जनजातीय  पेंटिंग से जुड़े कलाकार अपनी पेंटिंग के जरिए आदिवासियों के प्रकृति प्रेम, शादी ब्याह से जुड़ी परंपराएं, खेत खलिहान, पेड़ पौधों की झलक दिखला रहे हैं. यहां विभिन्न राज्यों से पहुंचे शिल्पकार एक दूसरे से सीख रहे हैं.इन कलाकारों को इसी बहाने एक साथ एक मंच पर अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है. बात खेत खलिहान से जुड़ी दैनिक गतिविधियों की हो या संस्कृति से जुड़ी परंपराएं हों इन सबको यह कलाकार पेंटिंग के माध्यम से दर्शाते हैं. आदिवासियों का प्रकृति प्रेम उनकी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. टाटा स्टील की ओर से आयोजित ‘संवाद’ आदिवासी संस्कृति को एक मंच पर लाने का अनूठा प्रयास है. इस बार विदेशी मेहमान नहीं आ पाए लेकिन उम्मीद है कि अगली बार से यह कार्यक्रम अपने पुराने रूप में वापस आएगा