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स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद प्रो०जी डी अग्रवाल की तृतीय पुण्यतिथि आज गंगा महासभा बिहार-झारखंड से जुड़े अनेक लोगों ने अपने-अपने स्थान पर मनायी

स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद प्रो०जी डी अग्रवाल की तृतीय पुण्यतिथि आज गंगा महासभा बिहार-झारखंड से जुड़े अनेक लोगों ने अपने-अपने स्थान पर मनायी

स्वामी सानंद के बारे में जानकारी देते हुए गंगा महासभा बिहार-झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि प्रो० जी डी अग्रवाल (गुरु दास अग्रवाल) संत स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से जाने जाते हैं । वह भारतीय पर्यावरणविद,अभियंता,धार्मिक नेता ,सन्यासी व प्रोफेसर थे ।
उन्होंने कहा कि गंगा महासभा जिसकी स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने सन 1905 में की थी वे संरक्षक थे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद को गंगा पुत्र भी कहा जाता है ।
स्वामी सानंद का मानना था कि उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के कारण नदियों की अविरलता प्रभावित हो रही है । गंगा में खनन और वनों के कटाव से उनका मन व्यथित था ।
उन्होंने 24 फरवरी 2018 को भारत के प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में चेतावनी भी दी थी कि साढे तीन महीने में कोई सूचना या जवाब नहीं मिलने पर वह 22 जून को गंगा “दिवस पर उपवास शुरू कर रहे हैं ।
उन्होंने प्रधानमंत्री को दूसरा पत्र भेजकर प्राण त्यागने तक उपवास निरंतर जारी रखने की चेतावनी भी दी थी । स्वामी सानंद ने सरकार से कहा था कि यदि वास्तव में गंगा की चिंता है तो वह इसे बांधों की जकड़न से मुक्त करने की दिशा में इच्छाशक्ति दिखाएं
श्री पोद्दार ने भारत की जनता विशेष कर गंगा के किनारे बसे राज्यों के लोगों से अपील की है कि स्वामी सानंद के सपनों को पूरा करने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए ।
जमशेदपुर में श्री पोद्दार ने अपने निवास में स्वामी सानंद के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी ।
श्री पोद्दार के अलावे सिंगापुर से बिदेह नंदनी चौधरी ,आदित्यपुर जिला सरायकेला-खरसावां से प्रकाश मेहता ,शुभम,हर्ष,अनन्या ,पाकुड़ से कृष्णा कुमार साहा ,गोड्डा से दिवाकर मंडल आदि ने स्वामी सानंद को पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए । यह जानकारी गंगा महासभा बिहार-झारखंड के द्वारा जारी की गयी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है ।