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स्व.पंडित नोखे मिश्र ट्रस्ट के द्वारा आज मिथिला सांस्कृतिक परिषद के विधापति सभागार गोलमुरी परिसर में स्व.पंडित नोखे लाल मिश्र की 111 वीं जयंती मनाई गई

जमशेदपुर: स्व.पंडित नोखे मिश्र ट्रस्ट के द्वारा आज मिथिला सांस्कृतिक परिषद के विधापति सभागार गोलमुरी परिसर में स्व.पंडित नोखे लाल मिश्र की 111 वीं जयंती मनाई गई इस जयंती को मनाने में बिहार प्रदेश के नयागांव के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया इस समारोह में मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार झा अशोक अविचल एलबीएसएम करणडीह कालेज के प्रिंसिपल ने अपने संबोधन में कहा कि नोखे मिश्र का जन्म समाज ,देश और विशेष कर बिहार के उत्थान के लिए हुआ था बिहार की अस्मिता कैसे बचे दिन रात उसी के लिए सोचते थे श्री झा ने कहा कि नोखे मिश्र ही एक ऐसे व्यक्ति थे जो बिहार के लोगों को सम्मान मिले उसके लिए उन्होंने बढ़-चढ़कर काम किया श्री झा ने कहा कि बिहार की अस्मिता को बचाने के लिए बिहार मुक्ति संघर्ष समिति का गठन किया गया उस बैनर के नीचे सरायकेला खरसावां को बिहार से अलग नहीं किया जाय और उस आंदोलन में नोखे मिश्र का योगदान बहुत ही सराहनीय रहा उन्हीं की वजह से जमशेदपुर आज बिहार में रहा और अब झारखण्ड में है जिस सरायकेला को बिहार में रखने के लिए आंदोलन किया गया और आज उन्हीं आंदोलनकारियों के कारण आज झारखण्ड में है और झारखंणड में आज उनलोगों को बाहरी कहा जा रहा है इस समारोह में चन्द्रेश्वर खां ने भी अपने विचार रखे इस समारोह में समाजिक कृति के योगदान के लिए मिथिला सांस्कृतिक परिषद के मुख्य ट्रस्टी इन्द्र नाथ मिश्र को पाग दोपटा और मेमेंटो देकर  सम्मानित किया गया मंच संचालन शिशिर कुमार झा ने किया स्वागत भाषण संस्था के अध्यक्ष संजय मिश्र ने किया महासचिव का प्रतिवेदन रवीन्द्र मिश्र उर्फ चंदन ने पढ़ा इस समारोह में स्व.नोखे मिश्र के बड़े पुत्र चन्द्र नारायण मिश्र ने भी अपने उदगार ढंग से विचार रखे इस समारोह में अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया और भगवती वंदना जय  जय भैरवी का गुणा नंद झा के द्वारा प्रारंभ किया गया और अतिथियों को पाग दोपटा से सम्मानित किया गया अंत में धन्यवाद ज्ञापन आनंद मोहन मिश्र के द्वारा किया गया