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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की चुनाव रोकने की याचिका, समय पर ही होंगे बिहार विधानसभा चुनाव

पटना। कोरोना संक्रमण काल में ही बिहार विधानसभा चुनाव के चुनाव होंगे. मामले की सुनवाई करते हुए आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को बिहार विधानसभा चुनाव कराने की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव को किसी भी कीमत पर टाला नहीं जा सकता है. कोर्ट ने चुनाव रोकने के लिए दायर की गई याचिका के इरादे को गलत बताया. गौरतलब है कि अविनाश ठाकुर ने चुनाव रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव कराने की आजादी चुनाव आयोग के पास है.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने कोरोना काल में ही बिहार विधानसभा चुनावों और उपचुनावों को कराने के लिए गाइडलाइंस जारी की है. जनसंपर्क, जनसभाओं से लेकर मतदान तक सोशल डिस्टेंसिंग की कड़ी शर्तों का पालन करना होगा. गाइडलाइंस जारी होने से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में चुनाव समय पर ही होंगे. आयोग ने राजनीतिक दलों के सुझावों पर विचार करने के बाद आगामी चुनावों के लिए यह गाइडलाइंस जारी की है.

नामांकन के लिए जा सकेंगे सिर्फ दो लोग
शर्तों के मुताबिक प्रत्याशी सहित सिर्फ दो लोग ही नामांकन के लिए जा सकेंगे. वहीं प्रत्याशी सहित सिर्फ 5 लोग ही डोर-टू-डोर जनसंपर्क कर सकेंगे. जनसभाओं के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी उपयुक्त मैदान चिह्नित करेंगे. जहां एंट्री और एग्जिट के उचित व्यवस्था होगी. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सभाएं होंगी. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जारी गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते हैं.

राजनीतिक दलों से मांगा गया था सुझाव
आयोग ने 17 जुलाई को सभी राजनीतिक दलों से चुनावों के संचालन को लेकर 31 जुलाई तक सुझाव मांगे थे. उनके अनुरोध पर आयोग ने 11 अगस्त तक तारीख बढ़ा दी थी. राजनीतिक दलों की ओर से इलेक्शन कैंपेनिंग और जनसभाओं को लेकर आए सुझावों पर विचार करने के बाद गाइडलाइंस जारी हुई. आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक, मतदान व्यवस्था से जुड़े हर व्यक्ति को मास्क पहनना जरूरी होगा. अगर वोटर पोलिंग सेंटर पर बगैर मास्क के मिलेगा तो उसे उपलब्ध कराया जाएगा. मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग मशीन होगी.

मतदान कर्मियों को दिए जाएंगे दस्ताने
सैनिटाइजर, साबुन, पानी भी उपलब्ध होगा. गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी होगी. चुनाव आयोग ने कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए राज्य, जिला और विधानसभा स्तर पर नोडल हेल्थ अफसर की तैनाती के निर्देश दिए हैं. ईवीएम के इस्तेमाल से पहले मतदाताओं को सैनिटाइजर दिया जाएगा. सभी मतदान कर्मियों को दस्ताने दिए जाएंगे. मतदान अधिकारियों की ट्रेनिंग ऑनलाइन होगी.

पोलिंग स्टेशन को किया जाएगा सैनिटाइज
वोटिंग के लिए ज्यादा संख्या में कर्मचारी रिजर्व रखे जाएंगे. एक मतदान केंद्र पर सिर्फ एक हजार वोटर्स ही वोट देंगे. पहले यह संख्या 1500 थी. मतदान से पहले पूरे पोलिंग स्टेशन को सैनिटाइज किया जाएगा. जो मास्क नहीं पहनकर आएंगे उन्हें मास्क उपलब्ध कराया जाएगा. पोलिंग अफसर को कोविड-19 की किट भी मिलेगी, जिसमें मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और ग्लव्स भी रहेगा.