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सरायकेला में भगवान की मूर्ति और ध्वज गायब, ग्रामीणों ने मचाया बवाल

सरायकेला में भगवान की मूर्ति और ध्वज गायब करने के मामले में ग्रामीणों ने बवाल मचाया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराते हुए शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की और जांच का आश्वासन दिया

सरायकेला: बड़ा गम्हरिया स्थित बांधपाड़ा में सरस्वती माता की मूर्ति और बजरंगबली के ध्वज को गायब करने के मामले समेत उक्त सरकारी धार्मिक स्थल की एक व्यक्ति ने घेराबंदी को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को जमकर बवाल किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कराते हुए शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की और जांच का आश्वासन दिया.
ग्रामीणों ने वार्ड पार्षद आसित मांझी के नेतृत्व में उक्त स्थल से गायब हुए मूर्ति को अविलंब स्थापित करने और बजरंगबली के ध्वज को वहां से हटाने वाले तत्वों को चिन्हित कर करवाई की मांग पर देर शाम तक अडिग रहे. ग्रामीणों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र से सटे बड़ा गम्हरिया के बांधपाड़ा में आयडा की खाली परती जमीन पर करीब 25 सालों से सरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा आदि धार्मिक अनुष्ठान करते आ रहे हैं. उक्त स्थल पर बजरंगबली का ध्वजारोहण भी किया जाता था. 24 सितंबर की सुबह उक्त स्थल पर सरस्वती की मूर्ति और झंडा नहीं मिलने पर बस्तीवासी आक्रोशित हो उठे. इस मामले की लिखित सूचना आदित्यपुर थाना पुलिस को दी गई
लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया. ग्रामीणों ने इस स्थल के ठीक सामने बने घर के मालिक रंजय यादव पर मूर्ति और झंडा को गायब करने और उक्त सरकारी स्थल को अवैध तरीके से घेरने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थल को घेरने के लिए यहां कंटीले तार और पोल को गिराया गया है. उक्त स्थल को घेरने की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष पहुंचकर विरोध शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से घर में लगे सीसीटीवी फुटेज से मूर्ति गायब करने वाले दोषियों को चिन्हित करने की अपील की. ग्रामीणों ने कहा कि करीब एक माह पहले उक्त स्थल से एक साइकिल की चोरी हुई थी. जब उक्त साइकिल चोर को फुटेज से गिरफ्तार किया जा सकता है. फिर मूर्ति गायब करने वाले की जांच क्यों नहीं कि जा रही है.
इधर, इस मामले में रंजय यादव ने ग्रामीणों के आरोप को बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने कहा कि उनके घर के सामने स्थित आयडा की जमीन पर इस साल धूम धड़ाके से सरस्वती पूजा की गई थी. वर्तमान में कुछ युवा वर्ग वहां अड्डा बाजी करते हैं. इससे उनके घर के लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि मूर्ति और झंडा गायब का आरोप बेबुनियाद है. उक्त स्थल को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए आयडा ने 29 जुलाई को ही प्रशासन को पत्र लिखा है