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स्कूलों में बच्चों को मोबाईल से ऑनलाइन पढ़ाई कराना घातक हो सकता है: सुधीर कुमार पप्पू

स्कूलों में बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस कराना हो सकता है घातक : सुधीर कुमार पप्पू

जमशेदपुर। कोरोना काल में सभी स्कूलों ने बच्चों को मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई का नाटक किया है। यह बच्चों के लिए भविष्य में घातक हो सकता है। बच्चों के अभिभावकों को भी चाहिए बच्चों को मोबाइल की आदत नहीं डालें इससे बच्चों के आंख कमजोर और उसके स्वभाव में बदलाव हो सकता है। सरकार को और जिला प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की व्यवस्था पर रोक लगाएं। अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बयान जारी कर उक्त बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से अभिभावक अनावश्यक रूप से बच्चों को मोबाइल उपयोग करने के लिए शौकिया तौर पर भी देते हैं जो बच्चों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। उदाहरण स्वरूप कहा कि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एल के तिवारी ने भी कहा है कि चौदह साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल देना या उपयोग करना घातक है इससे बच्चों के आंख कमजोर हो सकते हैं उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ सकता है और मोबाइल नहीं देने पर वह डिप्रेशन में भी जा सकता है इसीलिए मोबाइल की आदत लगाना ठीक नहीं है। अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जिला प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों में मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई को बंद करवाया जाए स्कूल प्रबंधन सिर्फ खानापूर्ति के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करवाते हैं इससे बच्चों को कोई लाभ नहीं मिलता है। इस विषय पर सरकार को और जिला प्रशासन को डॉक्टरों से सलाह लेना चाहिए। अगर अभिभावकों को बच्चों के भविष्य की चिंता है तो उनको भी सतर्क रहने की जरूरत है।