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सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया गया। आज की टैक्स क्लिनिक में इनकम टैक्स, जीएसटी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया गया। आज की टैक्स क्लिनिक में इनकम टैक्स, जीएसटी एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई

जमशेदपुर- इनकम टैक्स के सेक्षन 36(1) के प्रावधान के तहत यदि कोई व्यवसायी अपने कर्मचारी के पीएफ का भुगतान नियत तिथि के पश्चात विलंब से करता है तो ऐसी स्थिति में उसके बही खाते से ऐसे खर्चे को विभाग अमान्य करार दे सकता है। व्यवसायियों का ऐसा मत है कि सरकार को इस क्रूर कानून में बदलाव करना चाहिए।
नितेष धूत उपाध्यक्ष व्यापार एवं वाणिज्य ने बताया कि चैम्बर में पूर्व में भी यह मांग उठाई थी कि करदाताओं को सरकार द्वारा मुफ्त बीमा मुहैया कराया जाना चाहिए। चैम्बर पुनः सरकार को यह सुझाव देगा कि सभी आयकर दाताओं के पिछले पांच साल के कर भुगतान के बराबर का मेडिकल बीमा केन्द्र सरकार मुफ्त मुहैया कराये। साथ ही साथ चैम्बर राज्य एवं केन्द्र सरकार से यह मांग करेगा कि जीएसटी में निबंधित सभी व्यवसायियों को सरकारें अपने-अपने स्तर से व्यवसायी के टैक्स कलेक्शन के बराबर मुफ्त टर्म बीमा उपलब्ध कराये।
सुरेश सोंथालिया पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि चैम्बर से जुड़े अन्य संस्थाओं के साथ एक बैठक जल्द कराई जायेगी जिसमें सबसे बजट पूर्व प्रतिवेदन के लिये सुझाव लिये जायेंगे। दिलीप गोलछा ने सेक्सशन 36(1) के विषय मेें बताया कि यह प्रावधान पीएफ एक्ट के प्रावधानों के अनुसार लाया गया है। अतः हम सरकार से पीएफ एक्ट में संशोधन की भी मांग करेंगे। किशोर गोलच्छा, कोषाध्यक्ष ने जीएसटी के सेक्सशन 16(2) के विषय में जानकारी मांगी।
सचिव वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी अधिवक्ता ने बताया कि प्रावधान 16(2) के प्रावधान के अनुसार यदि कोई विक्रेता रिटर्न में अपने विक्रय की विवरणी सही तरीके से नहीं डालता है तो क्रेता को उससे खरीदे गये माल पर टैक्स का लाभ नहीं मिलेगा। किन्तु साथ-साथ उन्होंने यह बताया चूंकि यह प्रावधान कानून में जनवरी, 2022 से पूर्णतः लागू किया गया है अतः इसके पूर्व के अवधियों के लिये यदि क्रेता के पोर्टल पर उसके द्वारा खरीदे गये माल का बिल नहीं भी दिख रहा हो तो भी उसे उसका क्रेडिट मिलना चाहिए। परंतु इनपुट क्रेडिट लेने की अन्य शर्तें हर स्थिति में जरूर पूरी होनी चाहिए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिसंबर प्रथम सप्ताह तक राज्य एवं केन्द्र सरकार को एक विस्तृत बजट पूर्व प्रतिवेदन भेजा जायेगा।
आज की बैठक में पूर्व अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया उपाध्यक्ष दिलीप गोलच्छा, नितेष धूत, कोषाध्यक्ष किशोर गोलछा, सचिव पीयूष चौधरी, कॉ-ऑप्टेड मेंबर अभिषेक अग्रवाल (गोल्डी), अनिल चौधरी तथा अन्य व्यवसायी उपस्थित हुये एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई