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सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत अदालत ने कहा सुनवाई योग्य नहीं है याचिका

सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत अदालत ने कहा सुनवाई योग्य नहीं है याचिका

सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में दायर स्पेशल लीव पिटिशन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.अदालत ने यह माना कि सीएम के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.
रांची: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने दायर स्पेशल लीव पिटिशन पर सोमवार को फैसला सुनाया है. अदालत ने यह माना है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है पूर्व में अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर फैसले को सुरक्षित रख लिया था. वही फैसला सात नवंबर को सुनाया गया है.
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ में मामले पर सुनवाई हुई थी. सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि झारखंड हाईकोर्ट में शिव शंकर शर्मा की तरफ से दो जनहित याचिका दायर की गयी है जो भयादोहन के लिए किया गया है. याचिका संख्या 4290 ऑफ 2021 और 727 ऑफ 2022 मामला भी कुल मिला कर इसी तरह का है. यह पीआइएल एक्सटॉर्शन के लिए हुआ है
शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस की तरफ से पचास लाख रुपये नगद के साथ गिरफ्तार किये जाने का हवाला कपिल सिब्बल ने दिया था. उन्होंने कई और जानकारियां भी कोर्ट को दी थी. बाद में कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है. राज्य सरकार के द्वारा जनहित याचिका से जुड़े तमाम दस्तावेज अदालत में पेश किए गए. पीठ में याचिका दर्ज होने के पूर्व विभाग एवं संबंधित पार्टी को दी जाने वाली रीप्रेजेंटेशन कॉपी भी दी गई. इस अवसर पर ईडी एवं भारत सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया मौजूद रहे थे.