झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

संसद में

संसद में
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रुका हुआ गाँधी का चर्खा संसद में
सब लहराते, अपना पर्चा संसद में

मूक बनाया संसद को, संसद वाले
पैसा व्यर्थ हुआ है, खर्चा संसद में

आमजनों के हित में सांसद यूँ बोले
बिन पानी के बादल गर्जा संसद में

करके चोरी, करते सीनाजोरी भी
सभी दिखाते अपना दर्जा संसद में

शासन का मंदिर कहते, कहने वाले
लोगों के दुख पर हो चर्चा संसद में

बाहर से संसाधन लाकर मौज करे
बता देश पर कितना कर्जा, संसद में

देशभक्ति की बात सभी दल करे सुमन
मिल के बात करो क्या हर्जा संसद में

श्यामल सुमन