झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

रांची में जहर परोसने वाला नरेश सिंघानियां गिरफ्तार, नामकुम में रिश्तेदार के घर से हुआ गिरफ्तार, 2017 में इसके बनाए शराब से 22 लोगों की हुई थी मौत

कोरोना रोधी टीकाकरण एवं कोरोना संक्रामक के लक्षणों की जांच हेतु आज बागबेड़ा में आंगनबाड़ी की सेविका घर घर जाकर स्थानीय लोगों से संपर्क कर टीकाकरण एवं कोरोना जांच हेतु जागरूक करने का पिछले कई दिनों से कार्य कर रही है। इस दौरान सेविकाओं ने उप मुखिया सुनील गुप्ता के आवास पर पहुंचकर जागरूकता अभियान के बारे में विस्तृत रूप से वार्ता की। उप मुखिया सुनील गुप्ता ने इस जागरूकता अभियान में अपना हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। श्री गुप्ता ने कहा कि इस जागरूकता अभियान के तहत लोगों के बीच में जो गलत अफवाह फैली है वह समाप्त हो जाएगी और लोग कोरोना संक्रमण बीमारी की जांच करा कर कोरोना रोधी वैक्सीन अधिक से अधिक संख्या में लेंगे।
इस अभियान में सेविका मंजू देवी, इंद्रावती देवी, माया देवी शीला शुक्ला उपस्थित थे** * * * ** =================

*मैंने कोविड -19 का दूसरा डोज (टीका ) आज ले लिया हूं । उम्मीद करता हूं कि आप सब भी टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे होंगे । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज टीका लेने के बाद अपने संदेश में यह बातें कही । उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी का जल्द से जल्द टीकाकरण हो सके । कोविड टीका सुरक्षित और असरदार है , इसलिए आप भी टीका लेकर कोरोना से बचाव को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करें* ।=================** ****

*विनय चौबे बने सीएम हेमंत सोरेन के सचिव, इससे पहले थी 6 पदों की ज़िम्मेदारी*

 

*भारत में  कोविड19 के 1,34,154 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,84,41,986 हुई। 2,887 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,37,989 हो गई है। 2,11,499 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,63,90,584 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 17,13,413 है। देश में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस की 24,26,265 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 22,10,43,693 हुआ।*

*गंदगी को मध्य नजर रखते हुए गोल पहाड़ी स्थित उत्तर सुसूनीगडिया पंचायत के हर स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया। स्थानीय मुखिया धर्मदास माडी ने बताया कि पिछले दिनों आयी बारिश के कारण गंदगी का कई स्थानों पर अंबार लगा हुआ था । वैसे स्थानों को चिन्हित कर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है ताकि संक्रमण बीमारी का फैलाव नहीं हो। मुखिया श्री माडी ने कहा कि आगे भी ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव होता रहेगा।

इस अभियान में मुख्य रूप से पंचायत समिति सदस्य श्वेता जैन, वार्ड सदस्य राजू पात्रों सहित स्थानीय लोगों का काफी सहयोग रहा।*
*रांची में जहर परोसने वाला नरेश सिंघानियां गिरफ्तार, नामकुम में रिश्तेदार के घर से हुआ गिरफ्तार, 2017 में इसके बनाए शराब से 22 लोगों की हुई थी मौत*

रांची में अवैध शराब के किंगपिन नरेश सिंघानियां को रांची पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे नामकुम थाना क्षेत्र के जोरार इलाके से गिरफ्तार किया गया है। इस पर अवैध शराब का कारोबार करने और 22 लोगों की मौत का मामला दर्ज है। यह पिछले चार वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था। रांची पुलिस के मुताबिक एस एस पी एस के झा को गुप्त सूचना मिली थी कि नरेश सिंघानियां अपने रिश्तेदार के घर नामकुम के जोरार आया है। जानकारी मिलते ही नामकुम थाना प्रभारी को अलर्ट कर दिया गया। इसके बाद प्लानिंग के साथ गुरुवार की सुबह इसे इसके संबंधी के घर से ही दबोच लिया गया।*

2017 के करम पर्व के मौके पर 2 सितंबर 2017 की रात अवैध शराब कारोबारी सिंघानिया बंधु प्रहलाद सिंघानिया और नरेश सिंघानिया ने रांची के बाजार में नकली शराब की एक बड़ी खेप उतारी थी। इस जहरीली शराब का सेवन करने से 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में जैप के चार जवान भी शामिल थे। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि जहरीली शराब की यह खेप सिंघानिया बंधुओं ने बाजार में परोसा था।

अवैध शराब के व्यापार के मामले में सिंघानियां ब्रदर्स (प्रहलाद व नरेश सिंघानियां) पर रांची के नामकुम, सुखदेव नगर और डोरंडा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दोनों पिछले बीस वर्षों से रांची में अवैध शराब का कारोबार कर रहे थे। जहरीली शराब की खेप उतारे जाने से हुई मौतों के बाद धंधे पर विराम लगा। सिंघानिया बंधु के खिलाफ अवैध शराब के कारोबार का पहला मामला 2005 में दर्ज हुआ था।

अवैध शराब कारोबारी प्रह्लाद सिंघानिया को पुलिस ने चार साल पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद पुलिस को चकमा देकर वह ठिकाना बदल-बदलकर रह रहा था। आखिर में उसे चार अक्तूबर 2017 को जमशेदपुर से ही दबोचा गया था।*

 

*उत्पाद भवन, कांके रोड का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन *
*कोविड-19 बुलेटिन : रांची से मिले 48 पोजिटिव मामले, पूरे झारखण्ड में 427 नए पॉजिटिव मामले, राज्य में आज 10 संक्रमितों की मृत्यु, इसके साथ ही झारखण्ड में कुल 339930 पॉजिटिव मामले, 7537 सक्रिय मामले, 327372 ठीक, 5021 मौतें हुई है*

 

 

*लोग स्थानीय ग्रामीण चिकित्सकों पर निर्भर हैं.झारखणड वाणी संवाददाता ने हरलाडीह में वर्तमान हालात का जायजा लिया.

गिरिडीह: कोरोना की दूसरी लहर आई तो पीड़ितों की संख्या में रोजाना इजाफा होता रहा. शहर और उससे सटे इलाके में कोरोना संक्रमितों की पहचान होती रही, लेकिन सुदूरवर्ती इलाके में कोरोना की टेस्टिंग लगभग नहीं हो सकी जबकि इस क्षेत्र के लोग भी बुखार, सर्दी खांसी, सिर दर्द से पीड़ित रहे. यह स्थिति जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित हरलाडीह और उससे सटे लगभग दो दर्जन गांव की भी रही है. नक्सल प्रभावित इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बदहाल हैं.
यहां पारसनाथ की तराई और धनबाद बॉर्डर से सटे कई गांवों के लोग बीमार हो रहे हैं. इस क्षेत्र में इलाज की सरकारी व्यवस्था नदारद हैं. ऐसे में यहां के बीमार लोगों का इलाज स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक ही करते हैं.झारखणड वाणी संवाददाता ने हरलाडीह में स्थिति की जानकारी ली.झारखंणड वाणी संवाददाता  की टीम ने हरलाडीह के उन ग्रामीण चिकित्सकों से भी बात की, जिन्होंने एक माह के दौरान सैकड़ों लोगों का इलाज किया है.

इस मामले पर हरलाडीह बाजार में संचालित ममता मेडिकल हॉल के बैकुंठनाथ से बात की गई. उन्होंने बताया कि पिछले एक माह के दौरान उनकी मेडिकल दुकान पर प्रत्येक दिन 10-15 मरीज आते रहे. सभी मरीज तेज बुखार, सर्दी-खांसी, सिरदर्द से ही पीड़ित थे. ज्यादातर लोग टायफाइड के ही शिकार मिले.
चूंकि किसी की कोरोना टेस्टिंग नहीं हुई थी ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि जो भी मरीज आए वह कोरोना संक्रमित थे या नहींं, फिर भी उन्होंने सभी का इलाज किया. इलाज के दौरान पूरी सावधानी बरती गई. जितने भी मरीज का उन्होंने इलाज किया वह सभी आज ठीक हैं. यही बात पूजा मेडिकल हॉल के राजेन्द्र कुमार ने भी कही.
उन्होंने कहा कि हरलाडीह इस क्षेत्र का प्रमुख बाजार है. यहां पर दो दर्जन से अधिक गांव के लोग आते हैं. चूंकि सूदूरवर्ती गांवों में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मी पहुंचे नहीं, तो किसी व्यक्ति की कोरोना जांच नहीं हो सकी. ऐसे में जो दवा की लिस्ट और इलाज का तरीका सरकार के स्तर पर बताया गया था. उसी के अनुसार लोगों का इलाज किया गया और लोग ठीक हुए. कहा अभी पहले से स्थिति काफी अच्छी है और मरीजों की संख्या काफी कम है.
दोनों ग्रामीण चिकित्सकों ने कहा कि वे लोग   रोग सेवा में जुटे रहे. इस दौरान एमबीबीएस डॉक्टर की कमी जरूर खली. उन्होंने बताया कि हरलाडीह में स्वास्थ्य केंद्र बना है, लेकिन यहां डॉक्टर बैठते नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इलाका काफी सूदूरवर्ती है, ऐसे में यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चौबीस  घंटे एक चिकित्सक की व्यवस्था की जानी चाहिए. यहां यदि डॉक्टर बैठेंगे तो लोगों का भला होगा.
हरलाडीह और उससे सटे इलाके पूरी तरह उग्रवाद प्रभावित हैं. पारसनाथ की तराई में स्थित इस क्षेत्र के ज्यादातर गांव जंगलों के बीच हैं. इस क्षेत्र में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का वर्चस्व भी है. इसी क्षेत्र से सटे गांव में एक-एक करोड़ के इनामी दो नक्सलियों के घर हैं. भाकपा माओवादी नेता मिसिर बेसरा का गांव मंदनाडीह जो हरलाडीह से काफी सटा है.
जबकि एक करोड़ के एक अन्य इनामी नक्सली विवेक का गांव हरलाडीह के समीप है. इसके अलावा कई इनामी नक्सलियों का घर भी इसी क्षेत्र के गांवों में है. मुख्यालय से 50 किमी दूरी होने और इलाका संवेदनशील होने के कारण सरकारी कर्मी भी यहां आने से कतराते हैं. हालांकि अभी इस इलाके की सुरक्षा व्यवस्था भी काफी दुरुस्त है.
हरलाडीह क्षेत्र में चिकित्सा की लचर व्यवस्था की जानकारी झााखण्ड वाणी संवाददाता ने बता चुका है. झारखण्ड वाणी संवाददाता  ने यह भी  जानकारी दी  है कि किस तरह 3 करोड़ रुपये की लागत से बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक बैठते नहीं है. यह भी बताया है कि स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले लोगों का इलाज एएनएम ही करती हैं. अब यहां के लोगों का कहना है कि सिर्फ हरलाडीह के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक बैठने लगे तो इस इलाके के 20-25 गांव के लोगों की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी.*,