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राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को दो सप्ताह विस्तारित करने का निर्णय अब स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 27 मई की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोविड-19 को लेकर उत्तरी छोटानागपुर के सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया विचार-विमर्श, मिले कई अहम सुझाव

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का कोविड-19 के बढ़ रहे संक्रमण को लेकर जन प्रतिनिधियों के साथ तीन दिनों से मंथन का सिलसिला लगातार जारी है। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों और विधायकों के साथ विस्तार से चर्चा की। सांसदों और विधायकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम तथा संक्रमितों के इलाज को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराने के साथ कई अहम सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड समेत पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। यह हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन हम सभी परस्पर एक-दसरे के सहयोग औऱ सहभागिता के साथ कोरोना से निपटने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि कोरोना के खिलाफ जंग में जरूर कामयाबी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआती दिनों में व्यवस्था अस्तव्यस्त हो गई थी। संक्रमण और इलाज को लेकर काफी अफरा-तफरी का माहौल था, लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयासों से अब स्थिति पर नियंत्रण पाने में सफलता मिल रही है। संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए जरूरी चिकित्सीय संसाधन अस्पतालों में लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। सीमित संसाधनों के साथ कोरोना से जुड़ी तमाम व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम तेजी के साथ चल रहा है। हमारा प्रयास है कि इस संक्रमण से बचाव को लेकर सभी ऐहतियाती कदम जल्द से जल्द उठाएं जाएं, ताकि राज्यवासियों को इसका पूरा फायदा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और मानव हित में झारखंड लगातार दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन मुहैय्या करा रहा है। आपदा के इस काल में देश के लोगों की मदद कर सके, संक्रमितों की जान बचा सकें, इसी सोच के साथ राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में संक्रमितों के समुचित और बेहतर इलाज के लिए सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर चिकित्सीय संसाधनों को लगातार बढ़ाने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। लोगों को संक्रमण से किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। इस सिलसिले में राज्यस्तर पर टॉल फ्री नंबर के माध्यम से लोगों की समस्याओं का निराकऱण किया जा रहा है। अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर्स, आईसीयू औऱ ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था है। संजीवनी वाहन के माध्यम से अस्पतालों के लिए चौबीस घंटे इमरजेंसी में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। अमृत वाहिनी एप के माध्यम से बेडों की जानकारी और बुकिंग, ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श समेत कई अन्य सुविधाएं मुहैय्या कराई गई है। वहीं कोविड सर्किट के जरिए संक्रमितों को ऑक्सीजनयुक्त बेड उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा सभी सदर अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही सभी जिलों में ऑक्सीजन बैंक बनाने का भी सरकार ने निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य क्षेत्र को व्यापक तरीके से प्रभावित किया है। खासकर चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल कर्मी, तकनीशियन समेत अन्य स्वास्थकर्मियों की काफी कमी हो गई है। इस समस्या से सरकार वाकिफ है और इसे दूर करने के विकल्प पर विचार कर रही है। इस बाबत मेडिकल कॉलेजों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों, नर्सिंग की ट्रेनिंग लेने वालों को बहाल करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया जा चुका है। वहीं वैसे अवकाश प्राप्त चिकित्सक अथवा अन्य स्वास्थ्य कर्मी जो अपनी सेवा देने को इच्छुक है, उनका भी सरकार इस विपदा की घड़ी में सहयोग लेगी। उन्होंने सांसदों और विधायकों से कहा कि अगर अवकाश प्राप्त चिकित्सक, नर्स औऱ अन्य स्वास्थकर्मी इस बाबत उनसे संपर्क करते हैं, तो उसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उनकी सेवा सरकार ले सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रंट लाइन वर्कर्स के तौर पर काम कर रहे चिकित्सक, नर्स समेत सभी स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख का बीमा सरकार करा रही है। इसके अलावा कोरोना की वजह से जिन स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो चुकी है, उनके लंबित बीमा राशि के भुगतान की दिशा में सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में वेंटिलेटर्स उपलब्ध हें, लेकिन इंस्टॉलेशन नहीं होने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है इसकी वजह तकनीशियों की कमी है। इस बाबत केंद्र सरकार से तीन तकनीशियनो की टीम की मांग की गई थी, लेकिन एक ही टीम झारखंड में वेंटिलेशन इंस्टॉल करने के लिए मिली है। कोशिश है कि इस माह के अंत तक वेंटिलेटर्स को इंस्टॉल कर उसे चालू कर दिया जाये। हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोग वेंटिलेटर्स तक नहीं पहुंचें, उससे पहले की इलाज प्रक्रिया में वे स्वस्थ हो जाएं, सरकार का यही प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 को लेकर सभी जिलों के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इन सभी नोडल पदाधिकारियों का संपर्क नंबर आप सभी सांसदों व विधायकों को उपलब्ध करा दिया जाएगा। नोडल पदाधिकारियों से बेड, ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर्स और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जानकारी ली जा सकती है, साथ ही अगर कोई समस्या अथवा जरूरत हो तो इसकी भी जानकारी उनके माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जांच की गति को तेज करने के लिए सरकार लगातार कोशिशें करती आ रही है। इस सिलसिले में 9 और जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित किया जा रहा है, वहीं इस माह के अंत तक दो कोबास मशीनों को इंस्टॉल कर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमितों अथवा संक्रमण के लक्षण पाए जाने वाले लोगों की चिकित्सा को लेकर सरकार गंभीर है। इस सिलसिले मे पांच लाख मेडिसीन किट आंगनबाड़ी केंद्रों को मुहैय्या कराया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध होगा, जिसका लाभ लोग ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जांच और टीकाकऱण को लेकर ग्रामीण इलाकों में काफी भ्रांतियां है। टीका लेने से लोग परहेज कर रहे हैं। जांच कराने में भी वे संकोच कर रहे हैं। ऐसे में ग्रमीणों को टीकाकऱण और जांच कराने के लिए जागरूक किया जाना बेहद जरुरी है। इसमें सभी जन प्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है, ताकि सामाजिक रूप से उन्हें जागरूक किया जा सके। वहीं, टीकाकऱण को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठान, कंपनियों, निजी अस्पतालों से समन्वय बनाने का भी सरकार प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न इलाकों से पावर कट को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही है। कोरोना काल में बिजली की निर्बाध आपूर्ति को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने सांसदों और विधायकों से कहा कि मोबाइल व्हाट्स एप्प 94311-35515 पर बिजली से जुड़ी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं। आपकी शिकायतों का निराकऱण किया जाएगा।
सांसदों में जयंत सिन्हा, पशुपति नाथ सिंह, अन्नपूर्णा देवी, सुनील कुमार सिंह और चंद्र प्रकाश चौधरी, झारखंड के मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विधायकों में बाबूलाल मरांडी, सरफराज अहमद, मथुरा प्रसाद महतो, उमा शंकर अकेला, अंबा प्रसाद, ममता देवी, जयमंगल सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, नीरा यादव, जयप्रकाश भाई पटेल, मनीष जायसवाल, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, बिरंची नारायण, अमर कुमार बाउरी, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा, ढुलू महतो, अमित कुमार यादव, विनोद कुमार सिंह और लंबोदर महतो ने कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने और संक्रमितों के बेहतर इलाज को लेकर अहम सुझाव दिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता , मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त-सह- अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और सचिव विनय कुमार चौबे उपस्थित थे.
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राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को दो सप्ताह विस्तारित करने का निर्णय अब स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 27 मई की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा

राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को दो सप्ताह विस्तारित करने का सरकार ने निर्णय लिया है. अब यह 27 मई की सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन प्राधिकार की आज हुई बैठक में 13 मई की सुबह छह बजे समाप्त हो रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ाने का फैसला हुआ. इस बैठक में 16 मई की सुबह छह बजे से पूर्व से जारी प्रतिबंधों के अतिरिक्त निम्न नए प्रतिबंध भी प्रभावी रहेंगेः-
◆राज्य के बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों को 7 दिनों का होम अथवा इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में रहना अनिवार्य होगा. यह वैसे व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा जो 72 घंटे के अंदर राज्य से बाहर चले जाएंगे.
◆इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बसों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा. निजी वाहनों का मूवमेंट अनुमत कार्यों हेतु ई-पास के आधार पर होगा.
◆शादी मात्र अपने घरों में अथवा कोर्ट में संपन्न किया जाएगा. इसमें अधिकतम 11 व्यक्ति शामिल हो सकेंगे तथा इस अवसर पर किसी प्रकार का आय़ोजन प्रतिबंधित रहेगा.
◆हाट-बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग नार्म्स का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा.
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे और सचिव अमिताभ कौशल मौजूद थे.*
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*उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत की अध्यक्षता में मनरेगा योजना को लेकर वर्चुअल माध्यम से सभी बीडीओ /बीपीओ के साथ समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई है। बैठक में वर्ष 2021-22 हेतु जिला का लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि, योजनाओं की स्वीकृति की वर्तमान स्थिति, बागवानी हेतु मिट्टी सम्बंधित कार्य (गड्ढा खुदाई, CPT) की स्थिति,चयनित/कार्यरत बागवानी सखी की संख्या, भुगतान, प्रशिक्षण आदि की वर्तमान स्थिति , Rejected transaction की स्थिति पर विमर्श किया गया एवं उप विकास आयुक्त द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए जो निमन्वत हैं-
1.प्रति पंचायत में कम से 200-250 मजदूरों को कार्य में संलग्न करना। सभी बीडीओ को प्रति ग्राम 5-6 योजनाओं को लेने का निदेश दिया गया ताकि कोविड-19 के कारण सामने आयी आपदा की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक इच्छुक लोगों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार दिया जा सके। उप विकास आयुक्त ने कहा कि मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार दिलाने में काफी मददगार साबित हुआ है। सभी के प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराया जा पा रहा । सभी बीडीओ को एक बार फिर से इस आपदा की स्थिति में लोगों को रोजगार देने के लिए पूर्व तैयारी कर लेने का निदेश दिया गया।
2.100% VO एवं सखीमंडल से महिला मेट का चयन करने का निदेश दिया गया।
3. मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को ससमय मजदूरी की राशि उनके खाते में जाए इसलिए सभी प्रखंडों को Rejected Transaction को sop के अनुरूप पुनः FTO सृजन दिनांक 15/5/2021 तक करने का निदेश दिया गया। जिला अंतर्गत कुल 305 Rejected transaction लंबित हैं। जिसमें सबसे ज्यादा बोड़ाम प्रखंड में 166 तथा पोटका, गुड़ाबांदा, धालभूमगढ़ में कोई भी मामला लंबित नहीं है।
4.BHGY 2021-22 में लक्षित 900 एकड़ की योजनाओं की स्वीकृति पन्द्रह मई तक करने का निर्देश दिया गया।
5.कुल 49339 लंबित योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए पूर्ण कर MIS में close करने के संबंध में विशेष रूप से PMAY (G) की योजना साथ ही
सभी कूप की योजनाओं को बारिश के पूर्व भौतिक रूप से पूर्ण करना। तथा जिन 186 योजनाओं में 100% व्यय हो चुका है उसे MIS में दो दिनों के अंदर बंद करने का निदेश दिया गया। एवं 75-100% व्यय की गई 6662 योजनाओं को एक सप्ताह के अंदर MIS में पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।

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