प्यार की रीत बढ़ाते हैं
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शब्द सुमन को चुन चुन करके प्रीत सजाते हैं
सच कहता कि मन – वीणा से गीत सुनाते हैं
भले प्यार, व्यापार किसी का अपनी खातिर पूजा है
प्यार के बाहर इस जीवन का अर्थ भला क्या दूजा है
आस पास में इसीलिए नित मीत बनाते हैं
सच कहता कि ———
जिसे सफल होना जीवन में प्यार जीत की सीढ़ी है
खुले दिलों से प्यार लुटाना, आगे अगली पीढ़ी है
हार, प्यार में मिल जाए तो जीत मनाते हैं
सच कहता कि ———-
प्यार समझ ले दुनियावाले तब जीवन को अर्थ मिले
यूँ तो मिलते रोज हजारों, बिना प्यार के व्यर्थ मिले
लगे स्वर्ग सा जगत, प्यार की रीत बढ़ाते हैं
सच कहता कि ———-
श्यामल सुमन
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