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पटना  हाई कोर्ट ने बिहार के सात जिलों के जजों को काम करने से रोका, सुनवाई करने पर भी रोक लगाई

पटना  हाई कोर्ट ने बिहार के सात जिलों के जजों को काम करने से रोका, सुनवाई करने पर भी रोक लगाई

पटना हाई कोर्ट ने बिहार के सात जिलों के जजों को काम करने से रोक दिया है. पटना हाई कोर्ट की ओर से सात जजों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. हाई कोर्ट ने अलग-अलग जिलों में तैनात सात जजों के किसी भी तरह के न्यायिक काम करने पर तत्काल प्रभाव से
रोक लगा दी है. यह सभी जज बुधवार से सुनवाई भी नहीं करेंगे. बुधवार से इन सभी  सात जजों को सारी न्यायिक तथा प्रशासनिक शक्तियों से वंचित कर दिया गया है. यह आदेश पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक अरुण कुमार की ओर से जारी किया गया है. इसके मुताबिक खगड़िया, मधुबनी, कटिहार, बांका, पटना, रोहतास, और मुजफ्फरपुर के जिला व सत्र न्यायाधीशों को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए दे दी गई है.
पटना हाई कोर्ट ने जिन जजों पर न्यायिक काम करने से रोक लगाई है. वह खगड़िया के फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज  राज कुमार-ll, मधुबनी के एडीजे इशरातुल्लाह, कटिहार के डीएलएसए के सचिव  विपुल सिन्हा, बांका के एडीजे चंद्र मोहन झा, पटना के एडीजे शत्रुघन सिंह, रोहतास, के एडीजे परिमल कुमार मोहित और मुजफ्फरपुर (पश्चिम) के सब जज सह एसीजेएम सतीश चंद्र को तत्काल प्रभाव से सभी न्यायिक तथा प्रशासनिक शक्तियों से वंचित कर दिया गया है.
एक ओर सात जजों  पर न्यायित सुनवाई के लिए रोक लगा दी गई है. वहीं राज्‍य के सभी न्‍यायालयों में जल्‍द ही कामकाज सामान्‍य तौर पर शुरू होने की संभावना है. पटना हाई कोर्ट में 21 फरवरी से फिजिकल सुनवाई होगी कोरोना की तीसरी लहर की वजह से पिछले चार महीने से यहां आनलाइन सुनवाई हो रही थी. कोर्ट में सप्ताह में चार दिन फिजिकल सुनवाई की जाएगी, जबकि एक दिन वर्चुअल सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये होगी.

पटना हाईकोर्ट में शुरू हो रहे फिजिकल सुनवाई के दौरान कोविड गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा. तो वहीं फिलहाल कोर्ट परिसर में फिलहाल ई-पास धारियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नहीं होने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान नए और जूनियर वकीलों को उठाना पड़ रहा है. इससे वह वकील जिनके पास केस ज्यादा नहीं हैं वह भी प्रभावित हुए हैं. राजस्‍व संबंधी मामलों को देखने वाले बड़े वकीलों की हालत भी पिछले दो साल से बहुत अच्छी नहीं है