झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक

*कोविड-19:रांची से मिले 368 पोजिटिव मामले पूरे झारखण्ड में 694 नए पॉजिटिव मामले, इसके साथ ही झारखण्ड में कुल 125585 पॉजिटिव केस, 3908 सक्रिय मामले, 120562 ठीक, 1115 मौतें हुई हैं *

*भारत में पिछले चौबीस घंटे में कोविड-19 के 89,129 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,23,92,260 हुई 714 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,64,110 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 6,58,909 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,15,69,241 है देश में कुल 7,30,54,295 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है।*

*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने प्रख्यात शिक्षाविद, साहित्यकार, पत्रकार और झारखंड आंदोलन के प्रणेता डॉ भुवनेश्वर अनुज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री अनुज ने शिक्षा, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई थी । झारखंड आंदोलन में उनके अहम योगदान को कभी भुला नहीं सकते हैं। उनके निधन से जो जगह खाली हुई है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती है ।मुख्यमंत्री ने ईश्वर से शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति देने की कामना की ।*

*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में 3550 करोड़ रुपए लागत की कुल 539 किलोमीटर लम्बी 21 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ। कुल 7 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 14 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री वी के सिंह, केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य सरकार के मंत्रीगण, राज्य के लोकसभा तथा राज्यसभा सांसद एवं विधायक उपस्थित थे*

*प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक*

*प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य समद के कार्यालय वेश्म में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई । बैठक में पारगमन, बजट, डीजी एप, स्कॉलरशिप, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, नए विद्यालय भवन, जर्जर भवन आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए वर्ष 2020-21 के साइकिल वितरण के लिए अभी तक आवंटन नहीं आया है जिसके लिए विभाग को सूचना देने का निर्देश दिया गया । कुछ विद्यालयों में पानी की समस्या है उसे तत्काल ठीक कराने के लिए चर्चा की गई बैठक में प्रखण्ड शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी, बी आर पी, सी आर पी शामिल थे । *
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*सोलर आधारित जलमीनार का निर्माण कर दूर किया गया पेयजल संकट*

*डुमरिया प्रखण्ड के धोलाबेड़ा पंचायत अंतर्गत ग्राम चटानीपानी के जिजोगोड़ा टोला में कुल 17 परिवार हैं जिसमें से 9 आदिम जनजाति परिवार के लोग रहते हैं । जिजोगोड़ा टोला के लोग बताते हैं कि पेयजल और अन्य दैनिक जरूरतों के लिए इन्हें पांच सौ मीटर की दूरी में स्थित पहाड़ के समीप नदी के पानी का उपयोग करना पड़ता था वहीं गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या और विकट हो जाती थी पूर्व में पेयजल विभाग द्वारा स्थापित चापाकल भी अव्याहारिक हो गया था, जिसके कारण जिजोगोड़ा टोला की महिलाओं को अधिकतर समय पांच सौ मीटर की दूरी तय करते हुए पानी इकट्ठा करने में ही चला जाता था ।
उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार के संज्ञान में पेयजल की यह समस्या आने के बाद विभागीय पदाधिकारियों को तत्काल ग्रामीणों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था का निर्देश दिया गया । इस समस्या के समाधान के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जमशेदपुर प्रमंडल द्वारा PVTG मद से 4000 लीटर क्षमता का RCC टैंक के साथ सोलर आधारित जलमीनार का अधिष्ठापन कर पेयजल संकट को दूर किया गया । आज सभी टोलेवासी इस योजना से शुद्ध पेयजल का लाभ ले रहे हैं साथ ही पानी के समस्या दूर होने से काफी खुश हैं ।*
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*आज प्रखंड विकास पदाधिकारी घाटशिला कुमार एस अभिनव , नव नियुक्त परिक्ष्यमान उपसमाहर्ता चंचला कुमारी एवं भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट डायरेक्टर वसब दास गुप्ता,हिमानी रॉय के द्वारा आईटी फॉर मासेस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर विशेष बैठक हुई । इस दौरान विशेषकर अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में किट किट स्कूल , आईटी फॉर मासेस लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाना है जो इस तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा इसके तहत –एसटी बहुल क्षेत्र में बच्चों को तकनीकी के माध्यम से शिक्षा दी जाएंगी इस दौरान बच्चों को टैब प्रोवाइड कराया जाएगा एवं पढ़ाई के साथ-साथ उनकी ज्ञान में हुई वृद्धि की भी समीक्षा की जाएगी। साथ ही इसके लिए ऑफलाइन कोर्स भी उपलब्ध कराया जाएगा एवं किसी एक स्थान को केंद्र स्थापित करते हुए इसे पूरे क्षेत्र में धीरे-धीरे बढ़ाया जाना है इसके लिए एक कमेटी भी गठित की जाएगी ।इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों में ज्ञान वृद्धि ,तकनीकी प्रयोग और गणित कौशल सिखाने का एक प्रयास होगा ।
इसका उद्देश्य है की बच्चे प्रौद्योगिकी शक्ति का उपयोग करना सीखें ।अधिकांश बच्चे आज तकनीकों का उपयोग खेलने और सीखने के लिए कर रहे क्योंकि तकनीकों का प्रयोग उनके सीखने के तरीके में अभिरुचि को बढ़ाता है और साथ ही साथ बच्चे रुचि लेते है और जल्दी सीख जाते हैं ।
आज के दौर में हम देख रहे है की विकसित देशों में बच्चे को टेबलेट आधारित अनुप्रयोगों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत रूप से शिक्षा दिया जा रहा है जो एनीमेशन ,वीडियो इंटरएक्टिव ,डिजिटल मीडिया क्वीज और गेम के माध्यम से समूह शिक्षण को विकसित करता है और इस तरह से प्राप्त ज्ञान स्थाई और अभिरुचि वाला होता है बच्चे के पढ़ने, लिखने और सीखने का मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि उसका प्रयोग वह अपने वास्तविक जीवन में कर सकें ।सीखने का संज्ञानात्मक विकास और आत्म अन्वेषण बच्चो में आत्म विश्वास बढ़ाता है और उनके ज्ञान को स्थाई भी करता है ।
इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य यही है कि बच्चे तकनीकों का प्रयोग करते हुए गणित, विज्ञान आदि विषयों को सीखें*