झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

प्रायोजक एवं फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की मासिक समीक्षा बैठक

होली पर्व 2021 के अवसर पर पूर्वी सिंहभूम जिला में विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सूरज कुमार एवं वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन द्वारा संयुक्त आदेश जारी किया गया है । सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी को भारत सरकार/ झारखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर प्राप्त होने वाले दिशा-निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश देते हुए असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है
साकची थाना परिसर स्थित जिला नियत्रण कक्ष दिनांक 28 मार्च से 30 मार्च 2021 के प्रात: तक कार्यरत रहेगा, इसके प्रभार में कार्यपालक दंडाधिकारी धालभूम चंद्रदेव प्रसाद एवं सहायतार्थ वेद प्रसाद यादव, सहायक निबंधक सहयोग समितियां, जमशेदपुर तथा पुलिस उपाधीक्षक सीसीआर रहेंगे
घाटशिला अनुमंडल क्षेत्रान्तर्गत में विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार में अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला एवं इनके सहायतार्थ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी घाटशिला रहेंगे । वहीं धालभूम अनुमंडल क्षेत्रान्तर्गत में विधि व्यवस्था के वरीय प्रभार में अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम रहेंगे
इन सभी व्यवस्थाओं के संपूर्ण वरीय प्रभार में शहरी क्षेत्र के लिए पुलिस अधीक्षक,नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, जमशेदपुर रहेंगे तथा अपर जिला दण्डाधिकारी, विधि व्यवस्था रहेंगे।
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संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह के कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का समापन

जिला प्रशासन (जिला बाल संरक्षण इकाई), पूर्वी सिंहभूम एवं एक्शन एड रांची के संयुक्त तत्वाधान में संप्रेक्षण गृह, घाघीडीह में आयोजित संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह में कार्यरत कर्मचारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला आज सम्पन्न हुआ । जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ चंचल कुमारी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस में बताए गए विषय पर चर्चा के उपरांत दूसरे दिन के प्रशिक्षण सत्र का प्रारंभ किया गया । प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में बच्चों के जीवन में बाल गृहों का औचित्य एवं दायित्व तथा राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति 2013 के विषय के बारे में प्रणव कुमार सिन्हा (प्रशिक्षक) ने विस्तृत जानकारी दी।

द्वितीय सत्र में मुख्य प्रशिक्षक पीजुष सेनगुप्ता राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, रांची द्वारा संप्रेक्षण गृह में कार्यरत गृहपति, शिक्षक, चिकित्सा कर्मी, भंडारपाल, सुरक्षाकर्मी तथा किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में कार्यरत पारा लीगल वालंटियर के कार्य एवं दायित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही साथ गृहों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारी अपने कार्यों से संबंधित दस्तावेजों का संधारण एवं रिपोर्टिंग किस प्रकार करें, इसके बारे में भी जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण उपरांत जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष प्रबंधन समिति, संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह की बैठक संप्रेक्षण गृह के कार्यालय, घाघीडीह, जमशेदपुर में की गयी। बैठक में संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह के गृहपति द्वारा संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह की व्यवस्था से संबंधित जानकारी दी गई एवं बताया गया कि संप्रेषण एवं बाल गृह में कुछ आवश्यकताएं थी, जो पूर्व माह के प्रबंधन समिति के बैठक में की गई थी। बैठक उपरांत जिला प्रशासन एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के अथक प्रयास से गृह में बहुत सारे सामग्रियाँ जैसे- जनरेटर, दो एलईडी टीवी, दस पंखा, बच्चों के लिए चप्पल, इंडोर गेमस, बच्चों के पठन-पाठन हेतु कॉपी, पेन, पेंसिल, ड्राइंग कॉपी, कलर पेंसिल, इनवर्टर, म्यूजिक सिस्टम इत्यादि की व्यवस्था की गई है। इसके लिए संप्रेषण गृह एवं बाल गृह के बच्चों ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को विशेष धन्यवाद दिया। संप्रेक्षण गृह एवं बाल गृह में अभी भी कुछ आवश्यक व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है। इस पर समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि संप्रेक्षण एवं बाल गृह में आवश्यक व्यवस्था हेतु उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला एवं बैठक में डॉक्टर चंचल कुमारी जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी एक्शन एड से पीयूष सेनगुप्ता (मुख्य प्रशिक्षक),नीरज कुमार झा (प्रशिक्षक), प्रणव कुमार सिन्हा (बाल अधिकार कार्यकर्ता-प्रशिक्षक),जिला बाल संरक्षण इकाई से विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी-सुनील प्रसाद, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख-एम रवि शास्त्री, संप्रेक्षण गृह तथा बाल गृह के गृहपति-कुणाल किशोर ओझा, परिवीक्षा पदाधिकारी-जनरंजन सिन्हा, शिक्षक-रूमाना यास्मीन, रंजीत कुमार सिंह,अंजनी कुमार,भंडार पाल-सरिता कुमारी, सुरक्षाकर्मी, बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के पारा लीगल वालेंटियर-सुनीता कुमारी, अरुण रजक तथा गृह के बच्चे इत्यादि उपस्थित थे
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प्रायोजक एवं फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की मासिक समीक्षा बैठक

जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सह अध्यक्ष प्रायोजक एवं फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में प्रायोजक एवं फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2019- 2020 में चयनित कुल 41 बच्चों को स्पॉन्सरशिप से एक वर्ष तक लाभान्वित किया गया 41 बच्चों में से कुल 35 बच्चों को वर्ष 2020-21 में भी लाभान्वित किए जाने हेतु समिति द्वारा निर्णय लेने के पश्चात बाल कल्याण समिति द्वारा अंतिम अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है । आवंटन प्राप्त होते ही इन 35 बच्चों को इस वर्ष भी स्पॉन्सरशिप से लाभान्वित किया जाएगा।
वर्ष 2020-2021 में अब तक कुल 11 बच्चों को स्पॉन्सरशिप से लाभान्वित किया जा रहा है अतिरिक्त 31 बच्चों को भी समिति के अनुमोदन के पश्चात बाल कल्याण समिति द्वारा अंतिम अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है । आंवटन प्राप्ति के बाद राशि का भुगतान किया जायेगा।
बैठक में जिला बाल संरक्षण इकाई के कायार्लय में प्राप्त आवेदनों में से कुल 12 बच्चों को बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख संरक्षण वाले बच्चों की श्रेणी में कोटिबद्ध किया गया था, जिसे समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के पश्चात समिति द्वारा सर्वसम्मति से स्पॉन्सरशिप से जोड़ने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया इन बारह बच्चों के स्पॉन्सरशिप आवेदनों को अंतिम अनुमोदन प्रदान करने हेतु बाल कल्याण समिति को भेजने का निर्णय लिया गया
बाल देखरेख संस्थानों में आवासित बच्चों को फोस्टर केयर हेतु चिन्हित कर फोस्टर केयर एवं ग्रुप फोस्टर केयर फैमिली को चिन्हित कर सूची तैयार करने का निर्णय समिति द्वारा लिया गया, ताकि ऐसे चिन्हित बच्चों को परिवारिक माहौल प्रदान किया जा सके ।
बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी- डॉ चंचल कुमारी, अध्यक्ष-बाल कल्याण समिति- पुष्पा रानी तिर्की, मैनेजर-विशेष दत्तक ग्रहण-गुरविंदर कौर, पीजूष सेनगुप्ता-राज्य कार्यक्रम प्रबंधक- एक्शन एड, रांची एवं संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख-एम रवि शास्त्री उपस्थित थे
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*उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी सूरज कुमार की अध्यक्षता में कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई । झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजनान्तर्गत लाभुकों का eKYC किसान मित्र, जनसेवक, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से करवाने का निर्देश दिया गया साथ ही जिन लाभुकों का राशन कार्ड नहीं है उनका राशन कार्ड बनवाने एवं ग्रामवार सूची अनुसार कृषकों को फोन द्वारा सूचित कर eKYC सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया ताकि शत प्रतिशत लोगों को कृषि ऋण माफी योजना से आच्छादित किया जा सके । वैसे किसान जिनका KCC खाता आधार लिंक नहीं हुआ है उन्हे बैंक ले जाकर आधार से लिंक करवाने हेतु निर्देश दिया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना से लाभान्वित हो सकें, साथ ही किसान मित्रवार लक्ष्य निर्धारित कर शत प्रतिशत कार्य कराने का निर्देश दिया गया।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य एवं केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का अद्यतन प्रगति की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया की शेष बचे राशि का शत प्रतिशत निकासी करना सुनिश्चित करें । इसी प्रकार पीएम- किसान के लाभुकों को जिन्हें KCC का लाभ अब तक नहीं मिला है उन्हे शीघ्र KCC का लाभ दिलाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया
रबी मौसम में गेहूं 1500 क्वीटल. लक्ष्य के विरूद्ध 583 क्वीटल. गेहूं बीज का वितरण पर पृच्छा के क्रम में जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया की कृषकों के मांग के अनुसार गेहूं बीज का ड्राफ्ट लगाया गया । प्राप्त बीज को कृषकों के बीच पचास प्रतिशत अनुदान पर शत प्रतिशत वितरण कर दिया गया
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, अग्रणी जिला प्रबंधक, पूर्वी सिंहभूम एवं उप परियोजना निदेशक आत्मा तथा जिला मत्स्य पदाधिकारी के प्रतिनिधि उपस्थित थे
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*नेत्रहीन बच्चों के शैक्षणिक विकास में जुटी सरकार

रांची-मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में प्रदेश भर में 4,500 मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा की है और इस दिशा में कार्य भी आरंभ हो चुका है। मॉडल स्कूलों के विकास के साथ-साथ बेहतर शिक्षा हेतु अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। इसी के तहत स्कूलों में स्टेम लैब की स्थापना की जा रही है और अब झारखण्ड के कुछ जिलों में नेत्रहीन छात्रों के लिए मॉडल स्कूलों का शुभारम्भ किया गया है। राज्य सरकार ने एनी स्मार्ट क्लास के जरिये नेत्रहीन छात्रों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करना आरम्भ किया है। एनी स्मार्ट क्लास के माध्यम से छात्र हिंदी,अंग्रेज़ी एवं अन्य भाषाओं को सीख सकेंगे।
सबसे पहले राजधानी रांची में नेत्रहीन छात्रों के लिए एक स्कूल को मॉडल ब्लाइंड स्कूल में अपग्रेड किया गया था। इसके बाद गिरिडीह के अजीडीह में मॉडल ब्लाइंड स्कूल का उदघाटन हुआ। यहां करीबन पचास नेत्रहीन बच्चों को स्मार्ट क्लास का लाभ मिलेगा। स्कूलों को बेंगलुरु स्थित लर्निंग स्टार्ट-अप कंपनी थिंकर बेल द्वारा विकसित एनी उपकरणों से लैस किया गया है। ब्लाइंड मॉडल स्कूल की अवधारणा इस डिजिटल युग में दृष्टिबाधित छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सशक्त बनाने के उदेश्य से शुरू की जा रही है।

एनी स्मार्ट क्लास एक सेल्फ लर्निंग डिवाइस है,जो नेत्रहीन छात्रों को शिक्षित होने में सहायता करती है। इस डिवाइस के जरिए छात्र हिंदी,अंग्रेजी और अन्य भाषाओं को सीख सकते हैं। स्मार्ट क्लास में टेलर फ्रेम, अबाकस, टाइप्स, इंटर प्वाइंट, वुडेन स्लेट, नंबर प्लेट और अन्य मशीनी उपकरण की सुविधा उपलब्ध है,जिसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावे, बच्चों के लिए गेम की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी आंनद उठा सकें। ऐसे स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच और पंखे की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है ताकि नेत्रहीन बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधा मुहैया कराया जा सके ।
सरकार द्वारा नेत्रहीन बच्चों को आधुनिक तकनीक से शिक्षा देने की व्यवस्था से निश्चित तौर पर बच्चों के लिए नया आयाम साबित होगा। स्मार्ट शिक्षण से बच्चों में पढ़ने की और अधिक रूचि उत्पन्न होगी क्योंकि अब तक नेत्रहीन बच्चों को परम्परागत तरीके से पढ़ाया जाता था. मगर इस डिवाइस से आसानी से नेत्रहीन बच्चे पढ़ सकेंगे।