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पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा पूरा सितम्बर महीना

पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा पूरा सितम्बर महीना जिला उपायुक्त ने सम्बंधित विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के संचालन को लेकर दिए जरूरी दिशा निर्देश

जिला उपायुक्त विजया जाधव द्वारा जिले में सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाए जाने को लेकर सभी सम्बंधित विभागीय पदाधिकारी के साथ वर्चुअल बैठक किया गया जिला उपायुक्त ने बताया कि इस वर्ष पोषण माह का थीम महिला एवं स्वास्थ्य,बच्चा एवं शिक्षा;पोषण भी पढ़ाई भी, लैंगिक संवेदनशीलता के साथ जल संरक्षण एवं प्रबंधन तथा आदिवासी क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चों के लिए पारंपारिक खान पान है उन्होंने कहा कि जिलेवासियों में सही पोषण के प्रति जागरूकता आये इसके लिए जरूरी है कि ग्राम, पंचायत, प्रखंड एवं जिला स्तर पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों को जनभागीदारी का रूप दें।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर ने जानकारी दी कि पोषण माह के दौरान जिला परियोजना, पंचायत एवं आंगनबाड़ी स्तर पर पोषण माह में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का कैलंडर तैयार किया गया है। जागरूकता कार्यक्रम के तहत पोषण रैली, प्रभात फेरी निकाला जाना है। पोष्टिक आहार के महत्व के बारे में गर्भवती माताओं के साथ पूरे परिवार को जानकारी दिया जाना है तथा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साग सब्जी एवं फल में पाये जाने वाले विटामिन के बारे में जानकारी दी जानी है। पांच वर्ष तक के उम्र के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र में लम्बाई, वजन एवं बाहु माप, साथ ही साथ एसएएम एवं एमएएम बच्चों का पहचान कर नजदीकी कुपोषण उपचार केन्द्र में भर्ती कराकर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराना है। आंगनबाड़ी केंद्रों में रंगोली, तिरंगा थाली, फल, सब्जी, दाल एवं अन्य पोषण युक्त खाद्य पदार्थ की प्रदर्शनी कर ग्रामवासियों में नियमित उपयोग के लिए जागरूकता लाना। स्लोगन, पेंटिंग आदि प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाना है। आंगनबाड़ी केंद्रों, घरों एवं विद्यालयों में पौधरोपण अभियान जिसमें पोषण वाटिका/न्यूट्री गार्डन प्लांटेशन तथा स्वयं सहायता समूह के बीच बैठक कर न्यूट्री गार्डन के विषय में जागरूकता लाना साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण दिवस मनाये जाने जैसे कई जागरूकता कार्यक्रम पूरे सितंबर माह में आयोजित किये जायेंगे।
घर भ्रमण के दौरान साहिया एवं ए०एन०एम० के द्वारा स्तनपान के फायदे के विषय में महिलाओं एवं उनके परिवार को जानकारी दिया जाना है तथा स्तनपान क्यों जरूरी है इसके लिए विशेष रूप से जागरूक करना है।
ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर जिला उपायुक्त द्वारा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी,जेएसपीएलएस एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि के सहयोग एवं समन्वय से तिथिवार जागरूकता कार्यक्रम को सूचारू रूप से आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
वर्चुअल बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ रजनी कांत मिश्रा, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एमओआईसी, सीडीपीओ तथा अन्य सम्बंधित विभागीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे
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रंका को डिग्री कॉलेज की सौगात

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गढ़वा जिलान्तर्गत रंका अनुमंडल मुख्यालय में डिग्री कॉलेज की स्थापना किये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है। मालूम हो कि 2008 से पूर्व रंका गढ़वा सदर अनुमंडल अंतर्गत आता था। अनुमंडल बनने के बाद से रंका वासियों की डिग्री कॉलेज को लेकर मांग की जा रही थी। मंत्री सह गढ़वा विधायक और जिलावासियों की मांग को देखते हुए जनहित में डिग्री कॉलेज की स्थापना का निर्णय लिया है। रंका में डिग्री कॉलेज शुरू होने से युवाओं को उच्च शिक्षा के कई अवसर प्राप्त होंगे और भविष्य में उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा
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मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति हजारीबाग शहर वासियों को वर्षों की समस्या से मिलेगी निजात खाता के जमीन की रसीद अब होने लगेगी निर्गत

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हजारीबाग नगरपालिका द्वारा अब तक उपभोग किये जा रहे जमीन्दारी अधिकारों को बिहार भूमि सुधार अधिनिमय 1950 के प्रावधानों एवं अपर मुख्य सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 21.06.2022 को आहुत बैठक में अभिलेखों के हस्तांतरण हेतु दिए गए निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार में निहित (Vest) किए जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है।
मालूम हो कि हजारीबाग शहर की करीब आधी भूमि का राजस्व रसीद हजारीबाग नगरपालिका द्वारा निर्गत किया जाता था। वर्ष 2011- 12 में तत्कालीन एसडीओ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। तब से लेकर अब तक जमीन की खरीद-बिक्री, म्यूटेशन, आदि को लेकर लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला प्रशासन के पास भी रसीद निर्गत करने का अधिकार नहीं था, जिससे समस्या जटिल होती जा रही थी। इस बाबत पूर्व में विधानसभा में भी सवाल पूछे गए। कई जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निराकरण की मांग कई बार पूर्व की सरकारों के समक्ष रखा था। लेकिन समाधान कभी नहीं निकल पाया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मामले की जानकारी के उपरांत रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु राजस्व विभाग को रसीद निर्गत करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की है।
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असाध्य रोग में सहायता राशि होगी दस लाख
अन्य असाध्य रोग भी होंगे सूचीबद्ध

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत प्रभावित सुपात्र व्यक्तियों की चिकित्सा हेतु विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि पांच लाख रूपये को बढ़ाकर दस लाख रुपए करने एवं पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में अन्य असाध्य रोगों को सूचीबद्ध करने से सम्बन्धित प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री ने असाध्य रोग के इलाज के लिए पूर्व में दी जा रही पांच लाख रूपये की राशि को पर्याप्त नहीं मानते हुए राशि में बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया था। इसके उपरांत राशि को बढ़ा कर दस लाख रूपये किया गया। अब सभी जरुरतमंदों को असाध्य रोग के इलाज में काफी मदद मिलेगी।