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पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष समिति के सदस्यों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा उपायुक्त पर जनसेवकों के तबादले में मनमानी का लगाया आरोप

पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष समिति के सदस्यों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा उपायुक्त पर जनसेवकों के तबादले में मनमानी का लगाया आरोप

जमशेदपुर के पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया. पंचायत प्रतिनिधियों का आरोप है कि बगैर विचार-विमर्श किए 84 जनसेवकों का स्थानांतरण कर दिया गया है. चेतावनी देते हुए कहा कि यदि स्थानांतरण रद्द नहीं किया गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा.
जमशेदपुर: जमशेदपुर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपायुक्त पर जनसेवकों के तबादले में मनमानी का आरोप लगाया है. इसके विरोध में पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष समिति के सदस्यों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं इस आंदोलन के समर्थन में राज्य के कई जिले के पंचायत प्रतिनिधि भी धरना में शामिल हुए. इस संबंध में झारखंड जिला परिषद संघ की अध्यक्ष जोयेश बेसरा ने कहा कि हमें एक गुलदस्ता बनाकर कुर्सी पर बैठा दिया गया है. हमें कैंची पकड़ा दी गई है, ताकि सिर्फ हम लाल फीता काटते रहें और भाषण देते रहें, लेकिन हमारे हाथ में विकास कार्य का कोई अधिकार नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ अब जोरदार आंदोलन किया जाएगा.

वहीं जमशेदपुर जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू ने उपायुक्त पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक तक नहीं करती हैं. साथ ही बिना जानकारी दिए जनसेवकों का तबादला कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि यह चिंगारी अब पूरे राज्य में फैलेगी. धरना में पूर्वी सिंहभूम जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू के नेतृत्व में जमशेदपुर पंचायत के जनप्रतिनिधि के अलावा राज्य के खूंटी, धनबाद, बोकारो, साहिबगंज, दुमका और चतरा के अलावा अन्य जिला के पंचायत प्रतिनिधि धरना में शामिल होकर अपना समर्थन दिया है. धरना के बाद जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को पत्र सौंपा है.
आपको बता दें कि जिला में उप विकास आयुक्त का पद खाली है. ऐसे में उपायुक्त विजया जाधव इस पद का कार्यभार संभाल रही हैं. पिछले दिनों जिला परिषद के 84 जनसेवकों का ट्रांसफर कर दिया गया है. अब जनसेवकों के तबादले का मामला गरमाने लगा है. जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने इस ट्रांसफर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि ट्रांसफर से पहले उपायुक्त विजया जाधव ने जिला परिषद अध्यक्ष से सलाह क्यों नहीं ली. जबकि जानकारों का कहना है कि जन सेवकों का ट्रांसफर करना डीडीसी का अधिकार है और डीसी विजया जाधव अभी डीसी के चार्ज में हैं.
पूर्वी सिंहभूम जिला पार्षद की अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा कि जिले की उपायुक्त पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी नहीं करती हैं. इस कारण विकास कार्य रुका हुआ है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने मनमाने ढंग से जिले के 84 जनसेवकों का तबादला कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक उनका तबादला रद्द नहीं हो जाता है, यह आंदोलन जारी रहेगा. अब यह आंदोलन जमशेदपुर से पूरे राज्य में फैलेगा.
वहीं इस धरना का समर्थन देने दुमका से पहुंची झारखंड जिला परिषद संघ की अध्यक्ष जोयेश बेसरा ने कहा कि हमें कार्यालय में एक गुलदस्ता बनाकर रख दिया गया है और एक कैंची दे दी गई है. निमंत्रण पत्र आता है और हम लाल फीता काटते हैं. भाषण देकर वापस बैठ जाते हैं. हमें विकास कार्य के लिए कोई अधिकार नहीं दिया गया है. अब इस तरह के मामले में प्रशासन के रैवैये के खिलाफ वृहत आंदोलन किया जाएगा. हम रांची में धरना देंगे. जरूरत पड़ी तो न्यायालय तक जाएंगे.