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निराला कट्टर राष्ट्रवादी एवं सनातनी धार्मिक व्यक्ति थे- प्रसेनजित तिवारी

निराला कट्टर राष्ट्रवादी एवं सनातनी धार्मिक व्यक्ति थे- प्रसेनजित तिवारी

जमशेदपुर- साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ‘काव्य कलश’ सह हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाने वाले कट्टर राष्ट्रवादी एवं धार्मिक कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी श्री अरुण कुमार तिवारी तथा संचालन, समिति की उपाध्यक्ष डाॅ० वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने किया । इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव  प्रसेनजित तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के वसंत जमशेदपुरी द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्पण कर किया गया । तत्पश्चात् कार्यक्रम में  रीना सिन्हा के सरस्वती वंदना के बाद  सुरेश चन्द्र झा ने साहित्यकार सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का साहित्यिक जीवन परिचय प्रस्तुत किया । अपने स्वागत वक्तव्य में प्रसेनजित तिवारी ने महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्हें कट्टर राष्ट्रवादी एवं सनातनी धार्मिक व्यक्ति बताया। कार्यक्रम के अगले में ‘काव्य कलश’ के अन्तर्गत उपस्थित शहर के ३१ नामचीन कवियों ने स्वरचित काव्य पाठ किया । जिनमें  माधवी उपाध्याय, बिन्दु सिंह, हरिहर राय चौहान, पूनम महानन्द, डाॅ० उदय प्रताप ‘हयात’, यमुना तिवारी ‘व्यथित’, माधुरी मिश्रा, सविता सिंह ‘मीरा’, शीतल प्र. दूबे, जितेश तिवारी, शिव नन्दन सिंह, लक्ष्मी सिंह ‘रुबि’, निवेदिता श्रीवास्तव ‘गार्गी’, रीना सिन्हा, वीणा पाण्डेय ‘भारती’, बलबिन्दर सिंह , वसंत जमशेदपुरी, भंजदेव देवेन्द्र कुमार ‘व्यथित’, चंदा कुमारी, कवलेश्वर पाण्डेय, शकुन्तला शर्मा, विमल किशोर विमल, संजय पाठक ‘स्नेही’, कुमार मनीष प्रमुख रहे । जबकि साहित्य समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा की उपस्थिति सराहनीय रही । कार्यक्रम के अंत में सामुहिक राष्ट्रगान हुआ