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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजनाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजनाओं की समीक्षा की

अच्छी सड़कें विकास का परिचायक होती है इसलिए सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए । इसके साथ निर्धारित समय सीमा के अंदर सड़कों का निर्माण हो जाना चाहिए । मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पथ निर्माण विभाग और राष्ट्रीय भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण ( एनएचएआई) के अधिकारियों से समीक्षा बैठक में उन सड़क परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी ली, जिसका तीन अप्रैल को उदघाटन- शिलान्यास केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे झारखंड में भारत माला परियोजना के तहत बचे काम छह माह के अंदर पूरे हो
एनएचएआई के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि झारखंड में भारत माला परियोजना के तहत लगभग एक हजार किलोमीटर सब सड़कें बनाई जा रही हैं इसमें लगभग चार सौ किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि छह सौ किलोमीटर सड़क बनाने का काम चल रहा है मुख्यमंत्री ने एनएचएआई को कहा कि सड़क निर्माण के बचे हुए काम को छह महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निर्माण के दौरान पर्यावरण की काफी अनदेखी होती है खासकर झारखंड जैसे राज्य में पहाड़ों और जंगलों को काटकर सड़कें बनायी जा रही हैं यह भविष्य के लिए काफी चिंता की बात है उन्होंने एनएचएआई के पदाधिकारियों से कहा कि सड़कें बनाने में पहाड़ों और जंगलों के संरक्षण का विशेष ख्याल रखा जाए
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तीन अप्रैल को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की इक्कीस सड़क परियोजनाओं का ऑनलाइन उदघाटन शिलान्यास करेंगे । इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहेंगे।ऑनलाइन समारोह में सात सड़क परियोजनाओं का उदघाटन और चौदह सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास होगा। जिन सड़कों का उदघाटन होना है उसकी कुल लंबाई 245.19 किलोमीटर और लागत लगभग 2433.66 करोड़ है वही शिलान्यास किए जाने वाले चौदह सड़क परियोजनाओं की कुल लंबाई 184.8 किलोमीटर है और इस पर लगभग 754.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे ।
1- घाघरा -गुमला सड़क मजबूतीकारण
2- हॉटगम्हरिया -जैंतगढ़ सड़क मजबूतीकरण
3-महुलिया – बहरागोड़ा सड़क
4- बीजूपाड़ा – कुडू फोरलेन
5- कचहरी चौक रांची- पिस्का मोड-बिजुपाड़ा फोरलेन
6- बरही हजारीबाग
7 -पिस्का मोड़- पालम सेक्शन फोरलेन
*इन सड़क परियोजनाओं की रखी जाएगी नींव*
1-कोलेबिरा -सिमडेगा एनएच 23 सड़क मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण
2-सिमडेगा -बांसजोर एनएच 23 सड़क मरम्मत और पुनर्निर्माण
3-एनएच -23 पर चिंदनाला पर आरसीसी ब्रिज निर्माण
4-एनएच 23 पर स्थानीय नाला पर आरसीसी ब्रिज निर्माण
5-एनएच 99 पर 79 से 117 किलोमीटर तक सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूती करण
6-एनएच 22 पर 11 से 30 किलोमीटर के बीच सड़क का चौड़ीकरण एवं अन्य कार्य
7-एनएच 100 पर 48 से 62 किलोमीटर के बीच सड़क का चौड़ीकरण एवं अन्य कार्य
8-एनएच 133 पर 23 से 62 किलोमीटर के बीच सड़क का चौड़ीकरण एवं अन्य कार्य
9-एनएच 345 पर अन्नराज घाटी , गढ़वा में घुमावदार सड़क में सुधार एवं अन्य कार्य
10-कुडू घाघरा टू लेन सड़क का चौड़ीकरण एवं अन्य कार्य
11-एनएच 218 पर 10 से 54 किलोमीटर के बीच सड़क का मजबूती करण और पुनर्निर्माण
12- एनएच 99 पर चंदवा में आरओबी का निर्माण
13- एनएच 114, ए पर 68 से 87 किलोमीटर पर सड़क का मजबूतीकरण एवं अन्य कार्य
14- एनएच 114, ए पर 245 और 260 किलोमीटर पर ब्रिज तथा एनएच 419 के 46 किलोमीटर पर ब्रिज निर्माण
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख मुरारी भगत, एनएच के मुख्य अभियंता एन पी शर्मा, एनएचएआई के क्षेत्रीय पदाधिकारी एस के मिश्रा और एमओआरटीएस के क्षेत्रीय पदाधिकारी अभिजीत कुमार उपस्थित थे ।*
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● उपायुक्त के निर्देशानुसार जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन आज से प्रारंभ किया गया है:जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
आज जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम द्वारा गोलमुरी-सह-जुगसलाई प्रखण्ड अन्तर्गत सिमुलडांगा, बेताकोचा एवं एदलबेड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया गया। एक अप्रैल.21 से विभागीय निर्देश के आलोक में सौप के नियमों का अनुपालन करते हुए आंगनबाड़ी खोलने का निर्देश प्राप्त है। आंगनबाड़ी केन्द्र-सिमुलडांगा में सेविका/सहायिका तथा बच्चे उपस्थित पाये गए। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी के निर्देशानुसार पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का साफ सफाई किया जा रहा है। केंद्र संचालन के मद्देनजर आंगनबाड़ी केंद्र खुलने से पूर्व साफ-सफाई, सभी बर्तनों में उपकरणों की सफाई एवं आंगनबाड़ी केंद्र के बाहरी और भीतरी हिस्से को संक्रमण मुक्त करने के लिए अच्छी तरह से सैनेटाइज किया गया। उन्होंने बताया कि आज से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोला गया है।
● बिना फेस मास्क के आगनवाड़ी केंद्र में प्रवेश वर्जित:- जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि सेविका, सहायिका को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले अभिभावक हो या कोई अन्य व्यक्ति बिना मास्क के प्रवेश नहीं मिलेगा। केंद्र खुलने से पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र का अच्छी तरह से साफ सफाई कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार ही सोशल डिस्टेंस का मेंटेन किया जाएगा। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में हाथ धोने का साबुन और सैनेटाइजर तथा पर्याप्त मात्रा में मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्तिथि के अनुकूल रोस्टर तैयार किया गया है। साथ ही रोस्टर के अनुसार बच्चों को बुलाया जा रहा है ताकि सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।
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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय के निर्देशानसार कार्यालय कर्मियों एवं अधिकारियों के द्वारा आज भी नगर निगम के कई क्षेत्रों में दौरा कर मास्क जांच अभियान चलाया गया एवं लोगों से मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजर उपयोग करने की अपील की गई। कई प्रतिष्ठानों, मिठाई की दुकानों, शॉपिंग कंपलेक्स ,चौक चौराहों पर मास्क जांच अभियान चलाया गया। नगर प्रबंधक निशांत कुमार, राहुल कुमार ,निर्मल कुमार कार्यालय कर्मी विनोद कुमार आदि के द्वारा अभियान चलाया गया।
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*जमशेदपुर-रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर मास्क नहीं पहनने वाले जाएंगे जेल, डीडीसी ने की बीडीओ और सिविल सर्जन के साथ बैठक में दिया दिशा-निर्देश*

*शाम छह बजे तक दूसरे चरण के चुनाव में असम में 73.03% और पश्चिम बंगाल में 80.43% मतदान हुआ है: भारत निर्वाचन आयोग*

नंदीग्राम में पोलिंग बूथ पर झड़प को लेकर ममता ने गवर्नर को लगाया फोन कहा- कुछ भी हो सकता है

नंदीग्राम : पश्चिम बंगाल में गुरुवार को विधानसभा चुनावों के लिए दूसरे चरण के तहत मतदान हो रहा है, लेकिन यहां कई जगहों पर छिटपुट हिंसा की खबरें आ रही हैं. आज बंगाल की हॉटसीट नंदीग्राम पर भी झड़प हुई है. यहां एक पोलिंग बूथ के बाहर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी जिसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन किया. ममता ने इन झड़पों को लेकर उनसे शिकायत की है. ममता ने उनसे कहा कि ‘यहां इलाके में बाहर के लोगों के होने से कानून व्यवस्था पूरी तरह डिस्टर्ब है और कभी भी, कुछ भी हो सकता है.’
नंदीग्राम में ममता बनर्जी अपने नए प्रतिद्वंद्वी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ खड़ी हैं. अधिकारी यहां से विधायक रह चुके हैं. वह टीएमसी के बड़े नेता रहे हैं और ममता के करीबी सहयोगी रह चुके हैं. ममता ने चुनाव आयोग से यहां बूथ कब्जा करने का भी आरोप लगाया है. 
ममता नंदीग्राम में अपने घर से चुनावी कार्यवाहियों पर नजर रख रही थीं, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने बूथ कब्जा और रिगिंग के आरोप लगाए, जिसके बाद वह एक बजे के आसपास वहां से निकलीं. ममता ने कहा कि दूसरे राज्यों के गुंडे आकर यहां पर बवाल पैदा कर रहे हैं.उन्होंने यह भी कहा कि मैंने सुबह से 63 शिकायतें की हैं लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. ममता ने कहा कि जो लोग नारे लगा रहे हैं वह बाहरी हैं. ये लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से आए हैं. इन लोगों को केंद्र की ओर से सुरक्षा मिल रही है. बता दें कि इसके पहले टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखकर कहा था कि एनडीए-शासित राज्यों से सुरक्षा बलों को यहां चुनावों में तैनाती के लिए नहीं बुलाया जाए क्योंकि इन राज्यों से आने वाले सुरक्षाकर्मी पक्षपातपूर्ण स्थिति पैदा कर सकते हैं.
बता दें कि आज ममता के अलावा पार्टी के सीनियर नेता और सांसद डेरेक ओब्रायन ने भी बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बूथ कब्जा का आरोप लगाया है. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि ‘बूथ नंबर- 6, 7, 49, 27, 162, 21, 26, 13, 262, 256, 163, 20 में बीजेपी कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ घुस गई थी और इन कार्यकर्ताओं ने ईवीएम को अपने कंट्रोल में लेने की कोशिश की और बूथ रिगिंग की कोशिश की है*

*रांची:भू-माफिया और सरकारी बाबूओं की मिलीभगत से झारखंड में जमीन का काला खेल

सरकारी रिकार्ड में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन की खरीद बिक्री में अधिकारियों की सहभागिता आती रही है. जमीन के इस काले खेल में भू माफिया के साथ-साथ सरकारी बाबू का भी बहुत बड़ा रोल है. बगैर सरकारी हस्तक्षेप के जमीन पर कब्जा पाना संभव नहीं है.
रांची: जल जंगल और जमीन के नाम पर झारखंड में हमेशा सियासत होती रही है.मगर सच्चाई यह है की प्रकृति की गोद में बसा झारखंड धीरे धीरे जल,जंगल और जमीन तीनों से सिमटता जा रहा है.प्राकृतिक संसाधनों से भरे इस प्रदेश में भूमि विवाद एक बहुत बड़ी समस्या है.इसके पीछे का प्रमुख कारण भूमाफिया और सरकारी अधिकारियों का गठजोड़ माना जाता है.
सरकारी रिकार्ड में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन की खरीद बिक्री में अधिकारियों की सहभागिता आती रही है. जमीन के इस काले खेल में भू माफिया के साथ-साथ सरकारी बाबू का भी बहुत बड़ा रोल है.बगैर सरकारी हस्तक्षेप के जमीन पर कब्जा पाना संभव नहीं है. जिओ ऑफिस जहां विवादित जमीन की रसीद काटने में विलंब नहीं करता वहीं, एक ही जमीन की बार-बार रजिस्ट्री करने में रजिस्ट्री ऑफिस की भी भूमिका संदेहास्पद होती है. इसके कारण जमीन विवाद को बढ़ावा मिलता है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार,जमीन विवाद के कारण राज्य में तीन सौ पचास से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है.थाने में हर दिन सैकड़ों केस दर्ज होते हैं.अदालत में लंबे समय तक जमीन संबंधी मुकदमों की सुनवाई और उस दौरान जमीन पर धारा 144 के कारण विवाद संघर्ष में बदल जाता है.आंकड़ों के मुताबिक, राज्यभर में जमीन विवाद के 68,432 केस लंबित हैं.
भू-माफिया का साफ्ट टारगेट राज्य की सरकारी जमीन पर रहता है. गैर-मजरुआ जमीन को सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से जमाबंदी कराकर जमीन की अवैध बिक्री होती रही है. नदी किनारे की सरकारी जमीन हो या शहरी आवास बोर्ड या फिर सरकारी दफ्तर की खाली पड़ी जमीन सभी पर अतिक्रमण धड़ल्ले से किया जा रहा है.हाल ही में नगरी में खाता संख्या 383 की करीब 301 गैर-मजरूआ सरकारी जमीन की अवैध खरीद बिक्री का मामला सामने हैं. इसमें रांची रजिस्ट्री कार्यालय से इसकी बाकायदा रजिस्ट्री भी करा ली गई. इसके बाद भू-माफिया ने इस जमीन को बेच डाला. रांची की जुमार नदी की जमीन के बाद बुंडू सूर्य मंदिर के नजदीक 17 एकड़ जमीन को अवैध रूप से बेचे जाने का मामला सामने आया. इसे स्थानीय लोगों ने सरकार से 5,894 नीलामी के जरिए खरीदने का दावा करते हुए दो बिल्डर के हाथ फरवरी 2019 में बेच दिया था. रांची सब रजिस्ट्रार कार्यालय में इसकी रजिस्ट्री हुई थी. मगर म्यूटेशन के वक्त जब यह पता चला कि यह गैर-मजरूआ जमीन है, तो प्रशासन ने इसे अवैध करार दे दिया.
राजधानी रांची के सरकारी जमीन और जल स्रोतों के क्षेत्र में तेजी से हो रहे अतिक्रमण को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने इस पर गंभीर चिंता जताई है. इसके बाद रांची जिला प्रशासन ने ऐसे तमाम जगहों को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्णय लिया है. रांची डीसी रवि रंजन की मानें, तो सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है. रांची में सभी सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाली सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त और भू-माफिया से बचाने के निर्देश दिए गए हैं
राज्य में लंबे समय के बाद चल रहे ऑनलाइन सर्वे ने जमीन विवाद को बढ़ा दिया है. ऑनलाइन सर्वे में आई खामी की गूंज पिछले दिनों विधानसभा बजट सत्र के दौरान भी देखने को मिली. रैयतों की जमीन दूसरे रैयत और भू-माफिया के नाम पर हो जाने के बाद संघर्ष की स्थिति बन गई है. रैयत सरकार के मंत्री के दरबार में जमीन बचाने की गुहार लगाते फिर रहे हैं. गुमला के रंका से मंत्री मिथिलेश ठाकुर के यहां गुहार लगाने पहुंचे जमीन मालिकों का दर्द यही है कि अधिकारियों की गलती के कारण उन्हें जमीन से हाथ धोना पड़ा है. इधर, मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी इसे स्वीकारते हुए कहा है कि सरकार के संज्ञान में बातें आई हैं. इसका समाधान निकालने का प्रयास हो रहा है.
जमीन के इस काले खेल में अब तक एक दर्जन से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.इसमें अंचलाधिकारी से लेकर कर्मचारी और भू-अर्जन पदाधिकारी शामिल हैं. इसके बावजूद सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बदस्तूर जारी है.