मर मर के जीने से अच्छा
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तू बन्दूक उठा ले प्यारे, मैं शब्दों से वार करूँ
तन पे वश तू कर ले शायद मैं मन पे अधिकार करूँ
सिसक रही है यहाँ जिन्दगी, मौत सजी है थालों में
जीने खातिर लड़ते लड़ते चलो मौत से प्यार करूँ
हथियारों से खतरनाक है रोजी-रोटी छिन जाना
घुट घुटकर मरने से अच्छा आन्दोलन विस्तार करूँ
वैचारिक अंधापन जन में बढ़ा रहे साजिश करके
यही जहर है लोकतंत्र का इस पे चलो प्रहार करूँ
मर मर के जीने से अच्छा होश में जी के मर जाना
हाल सुमन जो अभी सामने क्यों न उसे सुधार करूँ
श्यामल सुमन
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